Dussehra 2021: रावण था बहुत बड़ा 'शिवभक्त', रखता था कई वेदों का ज्ञान, जानिए चौंकाने वाली कुछ बातें
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। आज पूरा देश दशहरे का पर्व मना रहा है। आज के ही दिन प्रभु श्री राम ने असुर रावण का वध करके बुराई का अंत किया था। सबको पता था है कि रावण एक बहुत बुरा दानव था, जिसने छल से सीता मैया का अपहरण किया था लेकिन रावण के व्यक्तित्व में कुछ ऐसी भी बातें हैं, जो इंसान को चौंकाती हैं।
आइए जानते हैं रावण के व्यक्तित्व के बारे कुछ चौंकानी वाली बातें

रावण आधा ब्राह्मण और आधा दानव था
- रावण आधा ब्राह्मण और आधा दानव था। उनके पिता विश्वश्रव थे, जो पुलस्त्य वंश के एक ऋषि थे और माता कैकसी एक राक्षस वंश की थीं। वो मूल रूप से दशग्रीव था, जिसका अर्थ है 'दस सिर वाला'।
- विश्वश्रव की दो पत्नियां थीं - वरवर्णिनी और कैकसी। पहली पत्नी से धन के देवता कुबेर का जन्म हुआ और कैकसी से रावण, कुंभकर्ण, शूर्पणखा और विभीषण का जन्म हुआ। यानि कि कुबेर और रावण सौतेले भाई थे।
- रावण ने तपस्या करके ब्रह्मा से चमत्कारी शक्तियां प्राप्त कीं थी और उसके बाद उसने कुबेर की सोने की लंका पर कब्जा कर लिया था।
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'दहाड़ने या चीखने वाला'
- रावण के नाम का अर्थ होता है 'दहाड़ने या चीखने वाला'।
- वो भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था, उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव ने उसे चंद्रहास नामक एक अजेय तलवार भेंट की थी।
- रावण ने इक्ष्वाकु वंश के राजा अनरण्य का वध किया था। मरते समय, राजा अनरण्य ने रावण को यह कहते हुए श्राप दिया था कि राजा दशरथ का पुत्र उसे मार डालेगा।

वेदों का ज्ञानी था रावण
रावण न केवल एक अद्भुत सेनानी था, बल्कि वो वेदों का ज्ञानी और और ज्योतिष विशेषज्ञ भी था। ऐसा कहा जाता है कि जब उनके पुत्र मेघनाद को उनकी पत्नी मंदोदरी के गर्भ से जन्म लेना था, तो रावण ने सभी ग्रहों और सूर्य को शुभ 'लग्न' के लिए अपनी उचित स्थिति में रहने का "निर्देश" दिया ताकि उनका पुत्र अमर हो जाए। लेकिन शनि ने अचानक अपनी स्थिति बदल दी, जिससे रावण क्रोधित हो गया और उसने अपनी गदा से शनि पर हमला किया और उसका एक पैर तोड़ दिया, जिससे शनि जीवन भर के लिए अपंग हो गया।

राज्य कला और कूटनीति का महारथि था रावण
- रावण कुशल राजा था इसलिए जब भगवान राम ने रावण का वध किया और वो अपनी अंतिम सांस पर था, राम ने अपने भाई लक्ष्मण को रावण के पास जाने और मरने वाले राक्षस राजा से राज्य कला और कूटनीति की कला सीखने को कहा था।
- रावण ने भगवान ब्रह्मा से यह प्रार्थना करके वरदान प्राप्त किया था कि कोई भी देवता, दानव, किन्नर या गंधर्व उसे कभी नहीं मार सकता। हालांकि उसने उ मनुष्यों से सुरक्षा के लिए वरदान नहीं मांगा था। मनुष्य के रूप में राम ही थे, जिसने रावण का वध किया।
- रावण ने पुष्पक विमान का आविष्कार किया था।