Chandra Grahan 2022: 'कभी मामू तो कभी जानू', चंद्रग्रहण से पहले जानिए गजब चांद की अजब बातें
Chandra Grahan 2022: साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को लगने जा रहा है, इस दिन कार्तिक पूर्णिमा है। यह चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों समेत ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी-दक्षिण अमेरिका और पूर्वी यूरोप में नजर आएगा। भारतीय समयानुसार ये ग्रहण 8 नवंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा को ही होता है। जहां ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को लेकर कुछ सावधानी बरतने की बात कही गई है वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिक इसे केवल एक खगोलीय घटना मानते हैं। आपको बता दें कि जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं, तब चंद्र ग्रहण होता है और यह साल में एक या दो बार जरूर आता है।
वैसे चांद के ग्रहण को लेकर बहुत कुछ कहा जाता है लेकिन सोचने वाली बात ये है कि चांद हमारे वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों के अलावा साहित्यकारों और कवियों का भी प्रिय सब्जेक्ट हैं। इसलिए ना जाने कितनी गजल-कविताएं और शायरी चांद पर लिखी गई हैं। बच्चों के लिए चंदा उनके मामा हैं तो प्रेमियों को चांद में अपना 'महबूब' यानी कि 'जानू' नजर आता है। तो वहीं करवाचौथ की पूजा बिना चांद को देखे पूरी नहीं होती तो वहीं पूरी दुनिया में ईद तब ही बनती है, जब 30 दिन के कठिन रोजा के बाद 'ईद का चांद' नजर आता है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक चांद, पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है और दिन रात एक भाई की तरह उसकी रक्षा करता है अब चूंकि हम सभी लोग पृथ्वी को मां कहते हैं तो उनके भाई तो मामा ही कहलाए ना, इसलिए चंद्रमा को लोग 'मामा' ही कहते हैं, 'चाचा' या 'बाबा' नहीं। तो दूसरी ओर कथाओं में ही चांद को खूबसूरती का प्रतीक माना जाता है, इसलिए किसी की सुंदरता की तारीफ चांद से कर दी जाती है। इसलिए चांद साहित्याकारों और कवियों की पहली पसंद बन गए।
इसको भी जानिए
- चंद्रमा यानी कि चांद सौरमंडल का 5वां सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है।
- ये स्वयं प्रकाशित नहीं होता बल्कि सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है।
- चंद्रमा को धरती की परिक्रमा करने में 28 दिन लगते हैं।
- धरती के मध्य से चंद्रमा के मध्य तक की दूरी 384, 403 किलोमीटर है।
- तो वहीं ज्योतिष के हिसाब से चंद्रमा को मन का कारक माना गया है।
- इसलिए इसे सबसे सुंदर और चमकीला देव कहा जाता है।
- पौराणिक कथाओं के मुताबिक अत्रि और अनसूया के तीसरे बेटे थे चंद्रमा।
- जिनकी शादी दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से हुई थी।
- इन 27 कन्याओं को ही 27 नक्षत्र कहा गया है।
- चंद्रमा जब इन 27 नक्षत्रों का चक्कर लगा लेता है, तब एक मास पूरा होता है।
Chandra Grahan 2022: इस तारीख को लगने जा रहा है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें टाइम और सूतक काल