हिन्दी साहित्यकारों को भारत भारती सम्मान
शुक्रवार को हिन्दी संस्थान में साहित्यकारों को भारत-भारती सम्मान, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान व हिन्दी गौरव सम्मान से सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, साहित्यकारों ने अपनी लेखनी के जरिए सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साहित्यकारों ने अपने विचारों व रचनाओं द्वारा समाज को सही रास्ता दिखाया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि साहित्यकार भविष्य में भी इसी प्रकार अपनी रचनाधर्मिता से समाज को लाभान्वित करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री यादव ने कहा कि हिन्दी संस्थान द्वारा दिए जाने वाले ये सम्मान पिछली सरकार ने रोक दिए गए थे, जिन्हें अब फिर से शुरु किया गया है। समारोह में मुख्यमंत्री ने भारत-भारती सम्मान (वर्ष 2009) से डॉ0 महीप सिंह, भारत-भारती सम्मान (वर्ष 2011) से गोविन्द मिश्र, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान (वर्ष 2009) से डॉ0 कमल किशोर गोयनका, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान (वर्ष 2010) से श्रीमती मैत्रेयी पुष्पा, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान (वर्ष 2011) से श्रीमती नासिरा शर्मा, हिन्दी गौरव सम्मान (वर्ष 2009) से डॉ0 सरला शुक्ल, हिन्दी गौरव सम्मान (वर्ष 2010) से श्री के.पी. सक्सेना तथा हिन्दी गौरव सम्मान (वर्ष 2011) से श्रीकृष्ण तिवारी को सम्मानित किया। हालांकि डॉ0 कैलाश बाजपेई भारत-भारती सम्मान (वर्ष 2010) प्राप्त करने के लिए अस्वस्थता के कारण सम्मान समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने भारत-भारती सम्मान से सम्मानित साहित्यकारों को मां गंगा की प्रतिमा, ताम्र पत्र व 2 लाख 51 हजार रुपए की धनराशि प्रदान की। महात्मा गाधी साहित्य सम्मान व हिन्दी गौरव सम्मान से सम्मानित साहित्यकारों को मां गंगा की प्रतिमा, ताम्र पत्र व 2 लाख रुपए की धनराशि दी गई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।