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Baisakhi 2018: किसानों की मस्ती और मां गंगा के अवतरण का दिन है 'बैसाखी', जानिए खास बातें
नई दिल्ली। फसल काटने के बाद नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाने वाला पर्व 'बैसाखी' इस बार 14 अप्रैल यानी शनिवार को मनाया जाएगा, हालांकि कुछ जगहों पर आज के ही दिन बैसाखी मनाई जा रही है और इसी कारण पंजाब और हरियाणा पूरी तरह से इस पर्व की मस्ती में झूम रहे हैं।
चलिए जानते हैं श्रद्दा, खुशी और मस्ती के इस पर्व के बारे में बेहद खास बातें...
'बैसाखी' शब्द की उत्पत्ति 'वैशाख' से हु
- 'बैसाखी' शब्द की उत्पत्ति 'वैशाख' से हुई है। इस दिन नई फसल कटती है इस कारण पंजाब और हरियाणा के लोग इस दिन जश्न मनाते हैं।
- 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने 'खालसा पंथ' की स्थापना की थी।
मां गंगा के अवतरण का दिन
- हिंदू लोग इस दिन को मां गंगा के अवतरण के रूप में मनाते हैं, माना जाता है कि इस दिन मां गंगा धरती पर उतरी थीं।
- केरल में यह त्योहार 'विशु' कहलाता है, केरल में लोग घरों में 'विशु कानी' सजाते हैं जिसमें फूल, फल, अनाज, वस्त्र, सोना पिरोकर सजाया जाता है।
- पंजाब और हरियाणा में लोग आग जलाते हैं और उसके चारों ओर भांगड़ा और गिद्दा करते हैं।
- पूरे देश में श्रद्धालु गुरुद्वारों में अरदास के लिए इकट्ठे होते हैं।
पंजाब और हरियाणा
धन्यवाद दिवस
वैसे 'बैसाखी' पूरी तरह से कृषकों के खुश होने का पर्व है, इस दिन किसानों द्वारा एक धन्यवाद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिससे किसान, प्रचुर मात्रा में उपजी फसल के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं और भविष्य की समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
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English summary
Vaisakhi also known as Baisakhi,refers to the harvest festival of the Punjab region, the Punjabi new year falling on the Baisakh which is first month of Bikram Sambat Hindu calendar.
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