Ahoi Ashtami 2022 Muhurat: इस बार बेहद खास है अहोई अष्टमी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और तारों को देखने का समय
Ahoi Ashtami 2022 Puja Muhurat: औलाद की लंबी उम्र के लिए रखे जाना व्रत अहोई अष्टमी इस बार सोमवार यानी की 17 अक्टूबर को है। मुख्य रूप से ये त्योहार राजस्थान, हरियाणा और एमपी में मनाया जाता है। हर साल के कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को ये व्रत होता है। अहोई का व्रत अगर निसंतान महिला करती है तो उसे भी संतान की प्राप्ति होती है। इस दिन महिलाएं दिन भर का निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को तारों को देखकर अपना व्रत खोलती हैं। ये व्रत काफी मानक है और इसी वजह से ये काफी विधि-विधान से किया जाता है। इस साल का ये व्रत काफी सुखद है क्योंकि इस दिन तीन योग सर्वार्थ सिद्धि योग शिव और सिद्ध योग बन रहे हैं, जो कि अपने साथ बहुत सारी खुशियां और सुख को लेकर आ रहा है। इस दिन अहोई माता के साथ-साथ गणेश भगवान की भी पूजा करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से संतान को विघ्नहर्ता का आशीष मिलता है और वो उन्हीं की तरह बुद्धिमान और शक्तिशाली बनता है।
आपको बता दें कि इस बार अहोई अष्टमी सोमवार को सुबह 09:29 AM से लग जाएगी और ये अगले दिन 11:57 PM पर खत्म होगी, तो पूजा का शुभमुहूर्त 17 अक्टूबर को 05: 55 PM से 07 : 05 PM तक का है। जबकि अहोई के तारों को देखने का समय 06:13 PM से शुरू होगा और चंद्रोदय रात में 09 :24 PM पर होगा।
अहोई माता की आरती
- जय अहोई माता, जय अहोई माता! तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
- ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
- माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।। जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
- तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता। कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
- जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।। कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
- तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता। खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
- शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता। रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
- श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता। उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।। जय।।
अहोई अष्टमी के मंत्र
अहोई अष्टमी से 45 दिनों तक 'ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नमः' का 11 माला जाप करने से संतान से संबंधित सारे कष्ट मिट जाते हैं।
गणेश भगवान के मंत्र
- संतान की बुद्धि और स्वास्थ्य के लिए गणेश भगवान का भी मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
- शत्रुनाशक और संकटों से बचने के लिए इन मंत्रों का जाप करें।
- ऊं एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।
Ahoi Ashtami 2022 Date: कब है अहोई अष्टमी? जानिए पूजा विधि और लाभ