गोसंरक्षण के लिए समर्पित है योगी सरकार, कैबिनेट बैठक में लिया यह फैसला
लखनऊ। गोसंरक्षण के लिए समर्पित उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मथुरा में 660 एकड़ भूमि को श्री मथुरा वृंदावन हासानंद गौचर भूमि ट्रस्ट को पूर्व में की गई लीज की शर्तों के अनुसार ट्रस्ट के नवीनीकरण के आधार पर 20 वर्षों के लिए लीज पर देने का फैसला किया है। गाय चराने और गायों के लिए चारा उत्पादन के उद्देश्य से पट्टे पर दी गई जमीन को ट्रस्ट बेच या ट्रांसफर नहीं कर सकेगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला हुआ।
वर्ष 1935 में स्थापित ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य गोसंवर्धन, गोचारण और गोवंश का संरक्षण करना था। ट्रस्ट ने 1936 से 1939 के बीच मथुरा के धौरैरा बांगर और धौरैरा खादर गांवों में लगभग 1005.24 एकड़ जमीन खरीदी थी। एक जुलाई, 1952 को जमींदारी उन्मूलन अधिनियम लागू होने के बाद ट्रस्ट की ओर से खरीदी गई 1005.24 एकड़ जमीन में से 38 एकड़ छोड़कर शेष भूमि ग्राम सभा में निहित कर दी गई।
ऐसा तब हुआ जब उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम, 1950 की धारा-1(3) और धारा-2(1)(सी) और राजस्व विभाग की ओर से एक जुलाई 1952 को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गोशाला की भूमि पर उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम के प्रविधान तब तक लागू नहीं हो सकते थे जब तक कि राज्य सरकार इस बारे में विशेष अधिसूचना जारी न कर दे।
राज्य सरकार ने छह अप्रैल, 1962 को ट्रस्ट को 660.85 एकड़ भूमि 20 साल की लीज पर दे दी। हालांकि लीज की अवधि समाप्त होने से पहले ही 24 सितंबर, 1973 को जारी शासनादेश के जरिये लीज को निरस्त कर दिया गया। इस मामले में हाई कोर्ट ने वर्ष 2009 में आदेश दिया था कि सरकार ट्रस्ट को किये गए पट्टे की अवधि को बढ़ाने पर विचार करे। हाई कोर्ट के आदेश और महाधिवक्ता के परामर्श से सरकार ने ट्रस्ट को 660 एकड़ भूमि फिर से लीज पर देने का फैसला किया है।