गोरखपुर में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद गेहूं खरीद में योगी सरकार ने बनया रिकॉर्ड
गोरखपुर। कोरोना के संक्रमण के दौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की सेहत के साथ उनकी उपज की भी चिंता कर रहे हैं। जान के साथ जीविका की सुरक्षा के मुख्यमंत्री के मंत्र पर अमल करते हुए गोरखपुर में कोविड की दूसरी लहर में भी गेहूं क्रय में नित नया रिकॉर्ड बन रहा है। जिले में अभी तक 10780 किसानों से 108 करोड़ रुपये मूल्य का 54773 टन गेहूं का क्रय किया गया है। किसानों को करीब 76 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है। पिछले वर्ष 20 मई तक 28633 टन गेहूं की खरीद हुई थी। इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में 90 फीसद से अधिक रिकॉर्ड गेहूं खरीद हो चुकी है, जबकि अभी क्रय केंद्रों के क्रियाशील बने रहने में 25 दिन शेष भी हैं।
गोरखपुर में 136 सरकारी गेहूं क्रय केंद्र संचालित हैं। मौसम खराब होने के बावजूद 2582 टन गेहूं की खरीद की गई। गेहूं क्रय का कार्य 15 जून तक प्रस्तावित है। गेहूं क्रय को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नियमित वर्चुअल बैठक के जरिए गोरखपुर समेत सूबे के सभी जिलों में अधिकारियों से संवाद बनाए हुए हैं। जिले में गोरखपुर में खाद्य विभाग के 27, पीसीएफ के 67, यूपीपीसीयू के 28, यूपीएसएस के 11, मंडी के 2 व भारतीय खाद्य निगम के 1 (कुल 136) केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है। सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल पर 108।18 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की खरीद की जा चुकी थी। इनमें से सर्वाधिक 22161 टन गेहूं की खरीद पीसीएफ के केंद्रों पर हुई है।
खाद्य विभाग के केंद्रों पर 144224 टन और यूपीपीसीयू के केंद्रों पर 13389 टन गेहूं खरीदा गया है। सरकार की कोशिश है कि कोई भी किसान बिचौलियों के हाथ गेहूं बेचने के लिए मजबूर न हो। इसलिए किसान को छूट दे दी गई है कि वह जनपद के किसी भी सरकारी क्रय केंद्र पर अपना गेहूं बेंच ले। सरकार के इस फैसले से भी इस बार गेहूं की खरीद में तेजी दिखाई दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष गेहूं खरीद का आंकड़ा पिछले वर्ष की अपेक्षा दोगुना हो सकता है।