आज जाखलौन पंप नहर प्रणाली का उद्घाटन करेंगे सीएम योगी, टफ रुफ ग्रिड प्रणाली से तैयार होगी ग्रीन एनर्जी
झांसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दो दिवसीय दौरे पर झांसी पहुंच रहे है। झांसी पहुंचने से पहले योगी आदित्यनाथ जाखलौन पंप नहर प्रणाली का उद्घाटन करेंगे। जाखलौन पंप नहर प्रणाली सूबे की पहली नहर प्रणाली होगी, जिसके टफ रुफ ग्रिड से ग्रीन एनर्जी तैयार होगी। सालाना इससे एक करोड़ यूनिट ग्रीन एनर्जी का उत्पादन होगा। इसकी मदद से सलाना सात करोड़ रुपए की बिजली बचेगी।
जाखलौन पंप नहर परियोजना की शुरुआत वर्ष 2016-17 में हुई थी। बता दें कि ये परियोजना में 54.29 करोड़ लागत से तैयार हो रही है। इस परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत सोलर पॉवर प्लांट परियोजना के जरिए मंजूरी मिली। अधीक्षण अभियंता अंबुज द्विवेदी की अगुवाई में अभियंताओं ने कैनाल पर माड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर का निर्माण किया। नहर पर ही ग्रिड लगने से जमीन की भी जरूरत नहीं पड़ी। कुल 5.92 मेगावाट सोलर पॉवर प्लांट कैनाल के टॉप में लगा।
इसमें कुल 18840 सोलर प्लेट्स लगाई गईं, 60 इंवर्टर लगाए गए। इसके लिए 9.55 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई गई और इसे कंट्रोल रूम से जोड़ा गया। परियोजना की आयु 25 वर्ष आंकी गई है। इस परियोजना से बंदरगुढ़ा, ऐरा, जाखलौन, जामनधाना, भैलवारा, आलापुर, मैरती, खुर्द, बरखेरा, जीरोन, च्यौला, नकयारा परौंदा समेत 64 गांव के 14630 किसानों को मदद मिलेगी। सिंचाई निर्माण मंडल की अधीक्षण अभियंता डॉ.अंबुज द्विवेदी ने बताया कि इस परियोजना के जरिए सालाना एक करोड़ यूनिट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन होगा। इससे सात करोड़ रुपए की सलाना बचत हो सकेगी। वहीं, बंडई बांध के शुरू होने से 4600 किसानों को फायदा मिलेगा।
बंडई
बांध
से
3025
हेक्टयेर
में
हो
सकेगी
सिंचाई
मड़ावरा
के
धौरीसागर
स्थित
बंडई
नदी
(धसान
की
सहायक
नदी)
पर
बांध
बनने
से
3025
हेक्टेयर
क्षेत्रफल
में
सिंचाई
हो
सकेगी।
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
इसका
भी
मंगलवार
को
उद्घाटन
करेंगे।
303.54
करोड़
की
लागत
की
इस
परियोजना
पर
वर्ष
13-14
में
कार्य
आरंभ
हुआ
था।
इसके
जरिए
9.4
किमी
बंडई
मुख्य
नहर,
2.1
किमी
पिसनाई
माइनर,
1.85
किमी
हसारी
माइनर,
1.5
किमी
बम्हौरी
माइनर
का
निर्माण
पूरा
कराया
गया।
अधीक्षण
अभियंता
डॉ.अंबुज
के
मुताबिक
2.200
किमी
लंबे
बांध
में
कुल
नहर
प्रणाली
की
लंबाई
14.85
किमी
रखी
गई
है।
बांध
की
क्षमता
11.100
एमसीएम
पानी
स्टोर
करने
की
है।
इसके
जरिए
रबी
की
1975
और
खरीफ
की
1050
हेक्टेयर
जमीन
सिंचित
की
जा
सकेगी।
इससे
4600
किसानों
को
फायदा
होगा।