राजस्थान: सीएम अशोक गहलोत ने खनन से जुड़े मुद्दों को निपटाने के लिए टॉस्क फोर्स के गठन का दिया निर्देश
राजस्थान: सीएम अशोक गहलोत का खनन से जुड़े मुद्दों के लिए टॉस्क फोर्स के गठन का निर्देश
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खनन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों के त्वरित निपटान के लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने राजस्थान में खनन क्षेत्र के विकास की संभावनाओं पर वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल और अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसके बाद गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को खनन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता, तकनीक, पारदर्शिता और इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली नीति के साथ काम करेगी। इससे संबंंधित मुद्दों के त्वरित निस्तारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वन विभाग, खान विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों की एक टास्क फोर्स गठित की जाएगी।
अशोक गहलोत ने कहा, राजस्थान में अपार खनिज संपदा मौजूद है। जिसका समुचित दोहन ना केवल प्रदेश बल्कि हमारे देश की तस्वीर बदल सकता है। हमारी सरकार खनन के क्षेत्र में राजस्थान को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ फैसले ले रही है। राज्य में खनन क्षेत्र का विकास होने पर राजस्व में बड़ी वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जल्द ही एक बेहतर खनिज नीति लाने जा रहे हैं। इससे राजस्थान में खनन के क्षेत्र में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा। साथ ही निवेशकों को हमारी नीतियों और फैसलों की जानकारी मिल सके और वे विकास की यात्रा में हमारे भागीदार बन सकें, इसके लिए एक प्रभावी अभियान भी चलाया जाएगा।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में खनिजों के एक्सप्लोरेशन को वैज्ञानिक और तकनीकी दक्षता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा उन्होंने निर्देश दिए कि ऑक्शन की प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पारदर्शी तरीके से पूरी की जाए। साथ ही कहा कि लीज आवंटन और ऑक्शन से संबंधित प्रक्रियाओं की उच्च स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए।
गहलोत ने खनन श्रमिकों को सिलिकोसिस जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए वेदांता समूह को अनुसंधान कर रिपोर्ट तैयार करने का सुझाव दिया, ताकि देशभर के खनन श्रमिकों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों के कल्याण के लिए अक्टूबर 2019 में ही सिलिकोसिस नीति लागू कर चुकी है।
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