कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए हरियाणा सरकार की ओर से हर माह 2500 देने की योजना शुरू
चंडीगढ़. कोरोना महामारी के दौरान अपने अभिभावकों को गंवा चुके बच्चों के लिए हरियाणा सरकार सहारा बनी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बाल सेवा योजना के माध्यम से प्रदेश भर में चिन्हित किए जा चुके 60 बच्चों को सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द दायरे में आने वाले बच्चों को योजना के अनुसार लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें।
हरियाणा महिला और बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि कोरोना महामारी से निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास, आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने और भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए महिला और बाल विकास विभाग ने प्रक्रिया तेज कर दी है।
16
जिलों
से
आया
60
बच्चों
का
आंकड़ा
कमलेश
ढांडा
ने
बताया
कि
अभी
तक
प्रदेश
के
16
जिलों
में
60
ऐसे
बच्चों
का
आंकड़ा
सत्यापित
किया
जा
चुका
है,
जिनके
अभिभावक
कोरोना
महामारी
के
दौरान
अपनी
जान
गंवा
चुके
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
विभाग
की
ओर
से
अब
तक
18
वर्ष
तक
प्रत्येक
बच्चे
को
हर
महीने
2500
रुपये
देने
की
व्यवस्था
में
29
लाभार्थियों
को
यह
राशि
दी
जा
चुकी
है।
अन्य
खर्चों
के
लिए
मिलेंगे
12000
हर
महीने
18
वर्ष
आयु
तक
इन
बच्चों
को
पढ़ाई
के
दौरान
अन्य
खर्चों
के
लिए
12
हजार
रुपए
प्रति
वर्ष
देने
की
व्यवस्था
में
10
लाभार्थियों
को
दी
जा
चुकी
है।
10
वर्ष
से
कम
आयु
के
अनाथ
हुए
बच्चों
के
लिए
स्कूली
शिक्षा
का
प्रबंध
सरकार
की
ओ
से
किया
जाएगा।
दूध बेचकर गुजरात में ये महिला कमा रही साल में 1 करोड़ रु. से ज्यादा, डेयरी वाले भी रह गए भौंचक्के
डे-स्कॉलर
की
तरह
मिलेगा
प्रवेश
इसके
तहत
उन्हें
नजदीक
के
केंद्रीय
विद्यालयों/
निजी
स्कूलों
में
डे-स्कॉलर
के
रूप
में
प्रवेश
दिलावाया
जाएगा।
इसी
तरह
11
से
18
वर्ष
की
आयु
के
बच्चों
का
सैनिक
स्कूल,
नवोदय
विद्यालय
जैसे
आवासीय
विद्यालयों
में
दाखिला
करवाया
जाएगा।
पांच
लाख
का
स्वास्थ्य
बीमा
कवर
इसके
अतिरिक्त,
ऐसे
सभी
बच्चों
को
आयुष्मान
भारत
योजना
के
तहत
5
लाख
रुपये
का
स्वास्थ्य
बीमा
कवर
भी
दिया
जाएगा
और
18
वर्ष
की
आयु
तक
के
इन
बच्चों
के
प्रीमियम
की
राशि
का
भुगतान
पीएम
केयर्स
फंड
से
किया
जाएगा।