उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाओं की रोकथाम के प्रस्ताव का अध्ययन कराएगी सरकार
उत्तराखंड सरकार ने बादल फटने की घटनाओं और जंगल में आग की रोकथाम को लेकर एक निजी कंपनी के प्रस्ताव का अध्ययन करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
देहरादून, 14 जुलाई। उत्तराखंड सरकार ने बादल फटने की घटनाओं और जंगल में आग की रोकथाम को लेकर एक निजी कंपनी के प्रस्ताव का अध्ययन करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति इस निजी कंपनी की रिपोर्ट का अध्ययन कर दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां लगातार दैवीय आपदा का प्रकोप बना रहता है। विशेषकर बीते कुछ वर्षों के दौरान बादल फटने की घटनाएं बढ़ी हैं। हाल ही में एक निजी कंपनी ने प्रदेश में जंगलों की आग और बादल फटने की घटनाओं को कम करने के लिए कार्ययोजना बनाने का दावा किया है। कंपनी ने संबंधित प्रस्ताव शासन को भी सौंपा है।
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इस प्रस्ताव के अध्ययन के लिए आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इसमें मौसम केंद्र, देहरादून और एरीज नैनीताल के निदेशक को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह समिति कंपनी द्वारा उपलब्ध प्रस्ताव का अध्ययन करेगी। आपदा प्रबंधन मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने व जानमाल की क्षति कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
इस क्रम में निजी कंपनी के प्रस्ताव के अध्ययन को समिति बनाई गई है। समिति का दावा यदि सही पाया जाता है तो इस परियोजना को राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा, जो राज्य में जंगलों की आग और बादल फटने की घटनाओं की रोकथाम के लिए वरदान साबित हो सकती है।