सीएम योगी ने बाढ़ को लेकर प्रदेश वासियों को किया आश्वस्त, कहा- समस्या के स्थायी निदान पर हो रहा काम
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की जनता को अब बाढ़ से परेशान होने की जरूरत नहीं। वह सरकारें चली गईं, जिनके समय में बाढ़ बचाव की परियोजनाएं बारिश से ठीक पहले शुरू होती थीं और बाढ़ में ही बह जाती थीं। वर्तमान सरकार बाढ़ की समस्या से स्थाई निजात दिलाने के लिए नियोजित कार्य कर रही है। सतत प्रयासों से न केवल बाढ़ के सीजन में जनजीवन सुरक्षित रहा है। सिंचाई क्षमता में भी इजाफा हुआ है। आज बाढ़ परियोजनाएं जनवरी में ही शुरू हो रहीं हैं और बरसात से पहले मई तक पूरी भी हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री बुधवार को अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की बाढ़ बचाव से जुड़ी 146 परियोजनाओं का लोकार्पण और 170 परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ आपदा की दृष्टि से 2017 में न कहीं बाढ़ बचाव की कोई व्यवस्थित कार्ययोजना थी, न राहत सामग्री की लेकिन मौजूदा सरकार ने जरूरतों का आंकलन कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। उन्हें लागू किया है और जवाबदेही तय की।
राज्य के इतिहास में पहली बार नदियों की ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन की व्यवस्थित कार्ययोजना बनाकर काम हुआ। सीएम ने बाढ़ बचाव कार्यों की बेहतरी के लिए जियो टैगिंग और सीसीटीवी कैमरे लगवाने जैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए जल शक्ति मंत्री और उनकी पूरी टीम की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि नदियों और बड़े नहरों की ड्रेजिंग अथवा सफाई से निकलने वाली बालू और सिल्ट के संबंध में तत्काल टेंडर कराएं। इससे जो राशि प्राप्त होगी उसे माइनिंग फंड में जमा कराएं, यह पैसा जनहित के काम आएगा।
लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने न केवल जनप्रतिनिधियों से कार्यों की गुणवत्ता का फीडबैक लिया, बल्कि स्थानीय जनता से भी बाढ़ बचाव कार्यों के बाबत जानकारी ली। बलरामपुर, गोरखपुर, मथुरा, सिद्धार्थ नगर, देवरिया, कुशीनगर के स्थानीय ग्रामीणों ने बाढ़ दुर्दशा की दशकों की कहानी सुनाते हुए सीएम योगी को बाढ़ बचाव के लिए अच्छा काम कराने पर आभार जताया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता से कहा कि कोई भी विकास कार्य हो रहा हो, सभी उसकी मॉनिटरिंग करें, जहां गड़बड़ी हो उसकी जानकारी दें।
जलशक्ति मंत्री डॉ.महेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2013 में 15 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित रही, जबकि इस बार केवल 12 हजार 5 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हो सकी। वर्ष 2017-18 में 74, 2018-19 में 111, 2029-20 में 151 परियोजनाएं विभाग ने पूरी कीं। कोविड काल में लगातार काम करने का ही सुफल है कि आज 146 परियोजनाएं जनता को समर्पित की जा रही हैं।
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