CM योगी आदित्यनाथ हुए सख्त, कहा- हर रोज अस्पतालों को देनी होगी खाली बेड की जानकारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बेहद घातक होने के बीच में सीएम योगी आदित्यनाथ को अब जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं है। टीम-11 के साथ उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर बेहद सख्त थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त लहजे में सभी को निर्देश दिया कि इंजेक्शन रेमडेसिविर या फिर अन्य किसी भी दवा की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं है। इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ एनएसए के साथ गैंगस्टर एक्ट जैसी कार्रवाई करें। इसके साथ ही प्रदेश के हर अस्पताल को अब प्रतिदिन अपने खाली बेड की जानकारी जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को देनी होगी। सभी अस्पताल रोज बताएंगे कि उनके पास कितने खाली बेड हैं।
खाली बेड्स के बारे में हर दिन जानकारी सार्वजनिक की जाए
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अस्पतालों में खाली बेड्स के बारे में हर दिन जानकारी सार्वजनिक की जाए। इससे मरीजों के परिजनों को काफी सहूलियत होगी। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भूमिका इस कार्य मे अत्यंत उपयोगी है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में 14 हजार से भी अधिक मरीज कोविड संक्रमण से ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं। अत: सभी प्रदेशवासी धैर्य और संयम बनाये रखें। प्रदेश में उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं हों अथवा जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता, किसी भी चीज का अभाव नहीं है।
इसके अलावा कहा कि कोविड के लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं, चिकित्सकों के निर्देशों का पालन करें। परिस्थितियों का आंकलन करते हुए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। कोरोना कफ्र्यू और साप्ताहिक बंदी जैसे प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। अब तो मास्क, सैनिटाइजर और दो गज दूरी जैसे कोविड प्रोटोकॉल को पूरी ईमानदारी के साथ अमल में लाया जाए। लापरवाह लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
योगी
आदित्यनाथ
ने
बेहद
सख्त
रुख
अपना
लिया
प्रदेश
में
कोरोना
संक्रमण
के
लगातार
के
बढ़ते
मामलों
और
प्रदेश
सरकार
बदइंतजामी
के
आरोपों
के
बीच
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
बेहद
सख्त
रुख
अपना
लिया
है।
कोरोना
वायरस
के
संक्रमित
होने
के
बाद
भी
नौ
दिन
का
व्रत
रखने
वाले
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
रेमडेसिविर
या
फिर
अन्य
जीवनरक्षक
दवाओं
की
प्रदेश
में
कहीं
पर
भी
कालाबाजारी
मिलने
पर
आरोपित
के
खिलाफ
तत्काल
ही
एनएसए
और
गैंगेस्टर
एक्ट
के
तहत
कार्रवाई
करने
का
निर्देश
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
रेमडेसिविर
इंजेक्शन
और
फैबीफ्लू
जैसी
जीवनरक्षक
मानी
जा
रही
दवाओं
की
निर्बाध
आपूर्ति
के
लिए
आवश्यक
है
कि
इसकी
लगातार
निगरानी
की
जाए।
ऐसी दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन एनएसए के तहत कार्रवाई करे। इसके साथ ही शासन के अफसर देश में हर जगह पर रेमडेसिविर उत्पादनकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क में रहें। उन्होंने कहा कि गुरुवार तक प्रदेश को 10,000 वॉयल और रेमडेसिविर प्राप्त हो जाएंगी। अब उन्होंने ने प्रतिदिन 50,000 वॉयल रेमडेसिविर की आपूर्ति के हिसाब से डिमांड भेजने का निर्देश दिया।