उत्तराखंड: कोरोना संक्रमितों के लिए आयुर्वेदिक अस्पतालों में लगेंगे 3000 बेड, दिन-रात खुले रहेंगे 300 अस्पताल
देहरादून, मई 20: कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड में अब 300 आयुर्वेदिक अस्पताल दिन रात उपचार के लिए खुले रहेंगे। प्रत्येक अस्पतालों में पांच ऑक्सीजन बेड और पांच सामान्य बेड होंगे। विधानसभा में मीडिया से मुखातिब आयुष एवं वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि अधिकतर आयुर्वेदिक अस्पताल दूरदराज और पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की कमी है। इसी को देखते हुए तय किया गया है कि 300 आयुर्वेदिक अस्पतालों में दस-दस बेड संक्रमण से प्रभावित लोगों को उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश में कुल मिलाकर 550 आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं।
इनमें से 300 के पास अपने भवन हैं। हरक सिंह के मुताबिक इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री से भी बात की है और तय किया गया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार में आयुर्वेदिक अस्पतालों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। मंत्री के मुताबिक, बुधवार को सहस्त्रधारा में आयुर्वेदिक अस्पताल भी शुरू किया गया है। यह पहली बार है कि आयुर्वेदिक अस्पतालों को दिन-रात खोले रखने के लिए कहा गया है।
300 आयुर्वेदिक डॉक्टर, 70 फार्मेसिस्ट उपनल के जरिये होंगे तैनात
मंत्री के मुताबिक आयुर्वेदिक अस्पतालों में चिकित्सकों के करीब 300 पद खाली हैं। पहले इन पदों को संविदा के आधार पर भरने का फैसला हुआ था। इसमें समय लगना तय था। अब फैसला किया गया है कि चिकित्सकों सहित 70 फार्मेसिस्टों के पदों को उपनल के जरिये एक सप्ताह में भरा जाएगा। इससे चिकित्सालयों में स्टाफ की कमी भी पूरी हो सकेगी।
आईएमपीसीएल से आयुष-64 की खरीद को हरी झंडी
कोरोना के माइल्ड और मॉडरेट रोगियों के उपचार में काम आने वाली आयुष-64 की खरीद की भी तैयारी कर ली गई है। आयुष मंत्री हरक सिंह के मुताबिक दवा बनाने वाली कंपनी आईएमपीसीएल ने आपूूर्ति को हरी झंडी दे दी है। पहले चरण के लिए कंपनी से करीब दो लाख किट की मांग की गई है। केंद्रीय संस्थाओं के स्तर पर हुए शोध में पाया गया है कि आयुष-64 कारोना संक्रमण के उपचार की कारगर दवा है। इससे आयुर्वेदिक अस्पतालों को भी संक्रमण की रोकथाम में काम करने में आसानी होगी।