मान लेने में फायदा ही फायदा ‘मारा गया मसूद अज़हर’
नई दिल्ली। अगर एक झूठी ख़बर से युद्ध टल सकता है, तो यह लाख सच्ची ख़बर से अच्छी है। मसूद अज़हर मारा गया है। इसे मान लेने में हर्ज क्या है। क्यों मांगें सबूत? सबूत तो हम कई और बातों के लिए भी नहीं मानते। पाकिस्तान पुष्टि नहीं कर रहा है तो यह उनका प्रॉब्लम है। जैश-ए-मोहम्मद बता रहा है कि मसूद अज़हर सही सलामत है तो यह उनकी ज़रूरत है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां 'जानकारी इकट्ठा की जा रही है' कहकर इस ख़बर को पुष्ट करने से बच रहा है, तो यह उनकी परिस्थिति है।
मीडिया
अगर
ख़बर
दे
रहा
है-
'मसूद
अजहर
मारा
गया-
सूत्र',
तो
इसी
मीडिया
ने
पठान
कोट
हमले
में
मारे
जाने
वालों
की
संख्या
भी
300,
400
तक
बतायी
है
बिल्कुल
इसी
तर्ज
पर।
जब
एक
ख़बर
हमने
सही
मान
ली,
कोई
शक-शुबहा
नहीं
किया
तो
इस
बेहद
अनुकूल
और
दिल
को
सुकून
देने
वाली
ख़बर
को
क्यों
नहीं
हम
कबूल
करें?
अब
देखिए
मसूद
अजहर
मारा
जाए,
तो
क्या-क्या
और
किस-किसको
फायदे
हो
सकते
हैं-
·
संयुक्त
राष्ट्र
को
राहत
मिल
जाएगी।
ग्लोबल
टेररिस्ट
घोषित
करने
का
मामला
जो
4
साल
से
लटका
है,
निबट
जाएगा।
·
पाकिस्तान
उस
शर्मिन्दगी
से
बच
जाएगा
जिसमें
उस
पर
संयुक्त
राष्ट्र
संघ
के
अजहर
मसूद
वाले
प्रस्ताव
का
विरोध
वापस
लेने
का
दबाव
डाला
जा
रहा
था।
·
चीन
को
भी
मसूद
अज़हर
मामले
में
अपने
रुख
में
बदलाव
नहीं
करना
होगा।
·
भारत
का
बदला
पूरा
हो
गया,
मान
लिया
जाएगा।
·
एयर
स्ट्राइक
कामयाब
कह
दी
जाएगी।
पुलवामा हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए। वह घटना क्यों हुई? सैकड़ों टन बारूद कैसे जमा हुए? इंटेलिजेंस इनपुट रहते हुए भी ये घटना क्यों हुई? इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के काफिले की रवानगी कैसे हुई? जैश-ए-मोहम्मद तो पाकिस्तान में बैठा हमलावर था। हिन्दुस्तान में हुई सुरक्षा व्यवस्था में चूक का जिम्मेदार कौन है? इन सारे सवालों पर भी मसूद अज़हर की मौत की ख़बर की खुशी से पर्दा पड़ जाएगा।
मसूद अज़हर आज किसी की ज़रूरत नहीं रहा। इसको कहते हैं पाप का घड़ा भर जाना। इसे ही राजनीति, कूटनीति और युद्धनीति का अवांछित पदार्थ बन जाना भी कहते हैं। अजहर मसूद पाकिस्तान पर भी बोझ बन गया। हिन्दुस्तान में वह मोस्ट वांटेड रहा ही है। दुनिया भी उसे मोस्ट वांटेड मानने के लिए लगभग तैयार थी। जैश-ए-मोहम्मद का अस्तित्व भी तभी मिटेगा, जब मसूद अज़हर का अस्तित्व मिटेगा। जाहिर है मसूद अज़हर की मौत सबको सुकून पहुंचाती दिख रही है। तो, मान लेने में हर्ज क्या है कि मसूद अजहर मारा गया।
(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं)
इसे भी पढ़ें:- दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो कॉन्फ्रेंस कर क्या मोदी ने गलत किया?