West Bengal Chunav Results 2021 : प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के पेशे से लिया संन्यास
कोलकाता, 2 मई: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सत्ता में काबिज होती दिख रही है। ममता ने इस बार के चुनाव में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद ली थी। बंगाल में टीएमी रुझानों में बहुमत से काफी आगे चल रही है। इसी बीच प्रशांत किशोर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रशांत किशोर ने चुनावी कामकाज से संन्यास ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशांत किशोर ने बताया है कि वो आगे अब ये काम नहीं करेंगे। वह आपनी संस्था आईपैक अपने साथियों के हाथों में सौंप रहे हैं।
बंगाल में ममता बनर्जी के शानदार प्रदर्शन के बाद लोग प्रशांत किशोर को इस खेल का मैन ऑफ द मैच बता रहे हैं। इसी बीच आज मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि, वह एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम छोड़ रहे हैं। अब वह चुनावी रणनीति नहीं बनाएंगे, वह इस पेशे से अलग हो रहे हैं। मैं जो करता हूं, अब उसे जारी नहीं रखना चाहता। मैंने काफी कुछ किया है। मेरे लिए एक ब्रेक लेने और जीवन में कुछ और करने का समय है। मैं इस जगह को छोड़ना चाहता हूं।
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चुनाव मैनेजमेंट का काम छोड़कर अब प्रशांत किशोर क्या करेंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि कुछ समय दीजिए, इसके बारे में सोचना पड़ेगा। मैं कुछ तो करूंगा। उन्होंने कहा कि, मैं बहुत समय से छोड़ने की सोच रहा था और एक मौके की तलाश में था, बंगाल ने मुझे वह मौका दिया है। राजनीति में फिर से वापसी की बात पर उन्होंने कहा, 'मैं एक विफल नेता हूं। मैं वापस जाऊंगा और देखूंगा कि मुझे क्या करना है।
इसके साथ ही पीके ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए पक्षपात का आरोप लगाया है। प्रशांत किशोर ने कहा, 'चुनाव आयोग की ओर से पक्षपात के चलते बीजेपी ऐसी स्थिति में आ सकी है। यदि आयोग ने निष्पक्षता के साथ काम किया होता तो ऐसा नहीं होता। आयोग ने अपने सिस्टम के जरिए बीजेपी को सपोर्ट करने का काम किया था। उसके चलते ही चुनाव ज्यादा से ज्यादा चरणों में कराया गया था। यह चुनाव 10 या 15 दिनों ही कराया जा सकता था, लेकिन दो महीने का समय लिया गया।'
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प्रशांत किशोर ने कहा कि, मुझे खुशी है कि राज्य में ध्रुवीकरण के मुद्दे काम नहीं किए हैं। इससे साफ है कि ध्रुवीकरण की सीमा है और पता चलता है कि आखिर बीजेपी के खेमे में कितने वोट जा सकते हैं। साफ है कि आप सिर्फ ध्रुवीकरण के भरोसे ही नहीं जीत सकता।' उन्होंने बंगाल चुनाव के नतीजों पर कहा, भले ही चुनावी नतीजे अभी एकतरफा दिख रहे हों लेकिन यह बेहद कड़ा मुकाबला था। हम बहुत अच्छा करने को लेकर आश्वस्त थे। बीजेपी बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार करने की कोशिश कर रही थी कि वे बंगाल जीत रहे हैं।