बंगाल विधानसभा चुनाव 2021: इन तीन वर्गों के लोग वोटों से भर सकते हैं ममता दीदी की झोली,जानिए असली वजह
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने में जुटी हुई हैं। बंगाल में 8 चरणों में होने वाले चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है। ममता बनर्जी ने अपने वर्तमान कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए ये घोषणा पत्र जारी किया। चुनावी घोषणा पत्र में ममता दीदी ने प्रदेश के तीन वर्गों के वोटरों को टारगेट करते हुए लुभाने का प्रयास किया है। ममता बनर्जी ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा मैं बंगाल की बेटी हूं और ये घोषणा पत्र मां, माटी व मानुष के लिए है। ममता दीदी के इस बयान में महिला, आमजन और प्रदेश तीनों ही समाहित है और ये ही ममता बनर्जी की झोली वोटों से भर सकते हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में महिला वोटर
ममता बनर्जी ने घोषणा पत्र में वादा किया कि अगर सत्ता में लौटती हैं तो वो प्रदेश की विधवाओं को हर महीनें 1,000 हजार रुपये देंगी। ध्यान रहें राज्य में 3.59 करोड़ महिला मतदाता हैं जो कुल मतदाताओं की लगभग आधे के बराबर हैं। बंगाल में वो दौर बीत गया जब लेफ्ट की पिछली सरकारों में महिलाओं को वोटिंग के दिन महिलाओं को घर में रखने के लिए पुरुषों को धमकाया जाता था। अब ये बीते दिनों की बात हो गई है अब बंगाल में महिलाएं अपने अधिकारों और अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कतरी हैं। ममता बनर्जी महिलाओं की वर्तमान स्थिति को समझती हैं यही कारण है कि चुनाव से पहले भी उन्होंने महिलाओं के लिए योजना लागू की हैं। अपने बयान में ममता बनर्जी ने कहा ये मां के लिए है यानी प्रदेश की महिला शक्ति के लिए। ममता बनर्जी ने अपने कार्यकाल में महिलाओं और बालिकाओं के लिए कई योजनाएं लागू कर चुकी है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में एससी-एसटी वोटर
ममता बनर्जी ने अपने घोषणा पत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोटरों को लुभाने के लिए वादा किया है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो एससी-एसटी को सलाना 12 हजार रुपये सरकार की ओर से मिलेंगे। बता दे भाजपा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जानजाति समुदाय पर ध्यान केंद्रित करके बैठी है। यहीं कारण है कि ममता बनर्जी ने अपने घोषणा पत्र में इस वर्ग को टॉरगेट किया है। बंगाल की कुल जनसंख्या लगभग 9 करोड़ 13 लाख है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक पश्चिम बंगाल एसटी जनसंख्या 52 लाख 90 हजार थी जो कुल आबादी का 5.8 प्रतिशत है और अनुसूचित जाति (SC) की आबादी यहां 2 करोड़ 14 लाख थी यानी कुल आबादी का 23.51 प्रतिशत है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में BPL वोटर
गरीबी से जूझ रहे वोटरों को लुभाने के लिए ममता बनर्जी ने वादा किया है कि लोगों के घरों तक राशन पहुंचाया जाएगा। निम्न वर्ग के लोगों को भी हर साल छह हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। इसके अलावा प्रदेश के छात्रों के लिए क्रेडिट कार्ड लाने की घोषणा की है। घोषणा पत्र में बेरोजगारी दूर करने का वादा किया है। इसके तहत वो एक साल में 5 लाख नौकरियों के अवसर पैदा करेंगी। ध्यान रहे पश्चिम बंगाल आठ सबसे गरीब राज्यों में से एक है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर जैसे सामाजिक संकेतकों में उच्च अभाव स्तर को दर्शाता है। सरकारी आंकड़े के अनुसार पश्चिम बंगाल में 1.85 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। 2018 के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कुल आबादी का करीब 20 फीसद लोग गरीबी रेखा से नीचे के हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 वोटिंग और परिणाम की तारीख
पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव 2021 आठ चरणों में होगा। जिसमें पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा वहीं दूसरे चरण में 1 अप्रैल को और तीसरे चरण में 6 अप्रैल, चौथे चरण में 10 अप्रैल, पांचवें चरण में 17 अप्रैल, छठे चरण में 22 अप्रैल, सातवें चरण में 26 अप्रैल और आठवें चरण में 29 अप्रैल को वोटिंग होंगी। पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 के परिणामों की घोषणा 2 मई को होगी जिसके बाद तय होगा कि बंगाल में अगले पांच सालों तक किसकी सरकार रहेगी।