संस्कृत के विद्वान पद्मश्री आचार्य रामयत्न शुक्ल के निधन पर पीएम और गृह मंत्री ने जताया शोक
श्री काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष और संस्कृत के विद्वान पद्म श्री आचार्य रामयत्न शुक्ल का सोमवार को निधन हो गया, उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जताया शोक
वाराणसी, 21 सितंबर : श्री काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष और संस्कृत के विद्वान पद्म श्री आचार्य रामयत्न शुक्ल का सोमवार को निधन हो गया। उन्हें भेलूपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान सोमवार को सायं काल उनका निधन हुआ। निधन की सूचना मिलने के बाद काशी में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। आचार्य शुक्ल 90 वर्ष की आयु में भी संकुलधारा पोखरे पर स्थित अपने घर पर विद्यार्थियों को संस्कृत व्याकरण के सूत्रों का व्याख्यान देते थे। अभी पिछले साल ही उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
शुक्ल
जी
के
पिता
भी
थे
संस्कृत
के
विद्वान
आचार्य
रामयत्न
शुक्ल
का
जन्म
वर्ष
1932
में
वाराणसी
से
सटे
भदोही
जिले
के
कलातुलसी
गांव
में
हुआ
था।
उनके
पिता
रामनिरंजन
शुक्ल
भी
संस्कृत
के
विद्वान
थे।
आचार्य
शुक्ल
बीएचयू
के
संस्कृत
विद्या
धर्म
विज्ञान
संकाय
में
आचार्य
रह
चुके
थे।
वर्ष
1961
में
वे
सन्यासी
संस्कृत
महाविद्यालय
में
बतौर
प्राचार्य
छात्रों
को
संस्कृत
की
शिक्षा
दिए।
उसके
बाद
वर्ष
1974
में
संपूर्णानंद
संस्कृत
विश्वविद्यालय
के
प्राध्यापक
के
रूप
में
भी
उनकी
तैनाती
हुई।
2
साल
तक
संपूर्णानंद
संस्कृत
विश्वविद्यालय
में
रहने
के
बाद
1976
में
बनारस
हिंदू
यूनिवर्सिटी
में
भी
उन्होंने
अपनी
सेवा
दी।
उसके
बाद
वे
पुनः
संपूर्णानंद
संस्कृत
विश्वविद्यालय
में
चले
आए
और
सेवानिवृत्त
होने
तक
संपूर्णानंद
संस्कृत
विश्वविद्यालय
में
ही
सेवा
दिए।
उनके
कार्य
को
देखते
हुए
वर्ष
2015
में
उन्हें
संस्कृत
के
शीर्ष
सम्मान
विश्वभारती
से
सम्मानित
किया
गया
था।
काशी विद्वत्परिषद् के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल जी का निधन शैक्षणिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने संस्कृत भाषा और पारंपरिक शास्त्रों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति! pic.twitter.com/76hcBKZKON
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2022
पिछले
साल
उन्हें
मिला
था
पद्मश्री
पुरस्कार
आचार्य
रामयत्न
शुक्ल
को
पिछले
वर्ष
2021
में
पद्मश्री
पुरस्कार
से
सम्मानित
किया
गया
था।
इसके
अलावा
वर्ष
2005
में
महामहोपाध्याय
से
नवाजा
गया
था
और
वर्ष
2000
में
उत्तर
प्रदेश
सरकार
द्वारा
केशव
पुरस्कार
प्रदान
किया
गया
था।
वर्ष
1999
में
राष्ट्रपति
के
हाथों
भी
उन
को
पुरस्कृत
किया
गया
था।
इसके
अलावा
कई
अन्य
महत्वपूर्ण
पुरस्कार
और
सम्मान
भी
उनको
मिला
था।
इतना
ही
नहीं
संस्कृत
में
लिखे
गए
उनको
लेख
और
शोध
विभिन्न
पत्र-पत्रिकाओं
में
भी
प्रकाशित
हो
चुके
हैं।
इसके
अलावा
प्रो.
शुक्ल
30
वर्षों
से
लगातार
देश
की
जानी-मानी
विद्वत
संस्था
काशी
विद्वत
परिषद
के
अध्यक्ष
थे।
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