Video: कांग्रेस नेता हरीश रावत को क्यों उठानी पड़ी झाडू और कहां किए जूते साफ?
बिवादित बयान के बाद हरीश रावत ने किया वादा पूरा
देहरादून, 3 सिंतबर। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने नानकमत्ता श्री गुरुद्वारा साहब झाड़ू लगाकर सफाई की। इतना ही नहीं हरीश रावत ने जूते भी साफ कर अपने दिए बयान के लिए प्रायश्चित करने के बाद माफी मांगी है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और पूर्व सीएम हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस की सिद्धू की टीम को पंज प्यारे कहा था, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ। बवाल बढ़ता देख हरीश रावत ने इसका प्रायश्चित करने की बात की थी। शुक्रवार को हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने प्रायश्चित स्वरूप कुछ देर झाड़ू लगाकर सफाई की है। उन्होंने कहा कि वे सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखते हैं। उन्होंने एक बार फिर से आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिये सबसे क्षमा मांगी है।
पंजाब
और
उत्तराखंड
दोनों
जगह
अहम
जिम्मेदारी
उत्तराखंड
और
पंजाब
दोनों
प्रदेश
में
2022
में
विधानसभा
चुनाव
होने
हैं।
दोनों
राज्यों
में
हरीश
रावत
की
भूमिका
इस
समय
दूसरे
नेताओं
से
ज्यादा
बदल
गई
है।
पंजाब
में
जहां
हरीश
रावत
कांग्रेस
के
प्रदेश
प्रभारी
हैं
वहीं
उत्तराखंड
में
कांग्रेस
चुनाव
अभियान
की
कमान
संभाली
हुई
है।
ऐसे
में
हरीश
रावत
के
किसी
भी
बयान
से
दोनों
राज्यों
की
राजनीति
में
असर
पड़ना
तय
है।
बीते
दिनों
पंजाब
में
सिद्धू
और
कैप्टन
के
बीच
विवाद
थामने
पंजाब
गए
हरीश
रावत
के
एक
बयान
से
बवाल
मच
गया।
हरीश
रावत
सिद्धू
की
टीम
को
पंज
प्यारे
कहकर
चारों
तरफ
घिर
गए।
लेकिन
हरीश
रावत
ने
चुनावी
साल
में
माहौल
देखकर
अपने
पंज
प्यारे
वाले
बयान
पर
माफी
मांगी।
इसके
बाद
पंजाब
से
लेकर
उत्तराखंड
में
विपक्षी
दलों
ने
जमकर
बवाल
काटा।
अकाली
दल
ने
धार्मिक
भावनाओं
को
ठेस
पहुंचाने
के
आरोप
में
रावत
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
करने
की
मांग
तक
कर
डाली
है।
विवाद
को
बढ़ता
देख
हरीश
रावत
ने
माफी
मांगते
हुए
कहा
है
कि
उन्होंने
गलती
की
है।
उन्होंने
कहा
था
कि
वह
अपने
राज्य
उत्तराखंड
में
गुरु
के
घर
में
झाड़ू
लगाकर
अपनी
इस
गलती
का
प्रायश्चित
करेंगे।
इसके
बाद
शुक्रवार
को
हरीश
रावत
ने
नानकमत्ता
श्री
गुरुद्वारा
साहब
झाड़ू
लगाकर
सफाई
की।
भाजपा
को
भी
किया
कटघरे
में
खड़ा
इससे
पहले
हरीश
रावत
ने
भाजपा
को
भी
कटघरे
में
खड़ा
करते
हुए
पूछा
था
कि
नानकमत्ता
साहब
में
जहां
कोई
नंगे
सर
नहीं
जाता
है,
गुरु
ग्रंथ
साहब
के
सामने
किसने
माथे
पर
मुकुट
धारण
किया?
उस
पवित्र
स्थल
में
जहां
गुरुवाणी
गूंजती
है,
वहां
गीत-संगीत,
नाटक
आदि
के
मनोरंजन
जिसका
सिख्खी
से
कोई
वास्ता
नहीं
है,
उसके
आयोजक
कौन
थे?
क्या
जिस
व्यक्ति
ने
मुकुट
धारण
किया
था
उन्होंने
सिख
संगतों
से
माफी
मांगी?
किसी
गुरु
स्थान
पर
जाकर
झाड़ू
लगाकर,
जूते
साफ
कर
प्रायश्चित
किया?
पंजाब
में
अकाली
दल
और
भाजपा
की
मिली
जुली
सरकार
थी,
जब
गुरु
ग्रंथ
साहब
का
अपमान
हुआ
था
और
उस
अपमान
के
विरोध
में
आवाज
उठाने
वाले
लोगों
को
गोली
मारी
गई
थी,
उस
समय
भी
भाजपा-अकाली
गठबंधन
की
सरकार
थी,
क्या
प्रकाश
सिंह
बादल
ने,
सुखबीर
सिंह
बादल
ने
या
भाजपा
के
किसी
नेता
ने
उसके
लिए
सार्वजनिक
माफी
मांगी
है?
हरीश
रावत
ने
कहा
कि
यह
कांग्रेस
जो
कि
अपनी
गलती
के
लिए
माफी
मांगती
है।