राष्ट्रपति चुनाव: उत्तराखंड के विधायकों का वोट वैल्यू, समझिए भाजपा, कांग्रेस का पूरा गणित
उत्तराखंड में 70 विधायक, 47 भाजपा, 19 कांग्रेस, 2 बसपा, 2 निर्दलीय
देहरादून, 25 जून। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है। सभी दल अपने-अपने गुणा-भाग में जुटे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में एकल संक्रमणीय मत निर्वाचन प्रणाली के तहत चुनाव होता है। साथ ही हर प्रदेश में विधायकों और सांसदों का वोट वैल्यू होता है। इसके लिए 1971 की जनगणना को आधार बनाया गया है।
उत्तराखंड
में
70
विधायक,
47
भाजपा
के
उत्तराखंड
में
70
विधायक
हैं।
इनमें
47
विधायक
भाजपा
के
और
19
कांग्रेस
के
हैं।
बहुजन
समाज
पार्टी
के
2
और
2
निर्दलीय
विधायक
हैं।
1971
में
उत्तराखंड
की
कुल
आबादी
44,91,239
थी,
इस
आधार
पर
उत्तराखंड
में
प्रत्येक
विधायक
के
मत
का
मूल्य
64
बन
रहा
है।
वर्तमान
विधानसभा
में
भाजपा
विधायकों
की
संख्या
47
है,
इस
तरह
यहां
भाजपा
विधायकों
की
वोट
वैल्यू
3008
बैठ
रही
है।
जबकि
कांग्रेस
विधायकों
की
वोट
वैल्यू
1216
बैठ
रही
है।
उत्तराखंड
में
भाजपा
की
संयुक्त
वोट
वैल्यू
8608
आगामी
18
जुलाई
को
विधानसभा
परिसर
में
राष्ट्रपति
चुनाव
के
लिए
मतदान
होगा।
भारत
निर्वाचन
आयोग
ने
राष्ट्रपति
पद
के
लिए
चुनाव
की
गाइडलाइन
जारी
कर
दी
है।
एकल
संक्रमणीय
मत
निर्वाचन
प्रणाली
के
तहत
होने
वाले
इस
चुनाव
में
सांसद
और
विधायक
ही
भाग
लेंगे।
बसपा
के
दो
विधायकों
की
कुल
वोट
वैल्यू
128
है।
एक
सांसद
की
वोट
वैल्यू
700
है,
उत्तराखंड
से
लोकसभा
के
5
और
राज्यसभा
के
लिए
3
कुल
मिलाकर
8
सांसद
हैं।
सांसदों
की
वोट
वैल्यू
5600
बैठ
रही
है।
उत्तराखंड
में
सभी
आठ
सांसद
भाजपा
के
हैं,
इस
तरह
उत्तराखंड
में
भाजपा
की
संयुक्त
वोट
वैल्यू
8608
बन
रही
है।
राष्ट्रपति
चुनाव
में
विधायक-सांसदों
को
प्रथम
वरीयता
क्रम
में
मतदान
करना
होगा।
सांसद
विधायकों
को
अलग
-
अलग
पर्ची
से
मतदान
करना
होगा।
सांसद
यदि
राज्य
में
मतदान
करना
चाहते
हैं
तो
उन्हें
पूर्व
में
इसकी
सूचना
निर्वाचन
आयोग
को
देनी
होगी।
इसी
तरह
विधायक
भी
यदि
दिल्ली
या
किसी
अन्य
राज्य
की
राजधानी
में
मतदान
करना
चाहें
तो
उन्हें
भी
इसक
पूर्व
सूचना
देनी
होगी।
उत्तराखंड
की
मुख्य
निर्वाचन
अधिकारी
सौजन्या
ने
बताया
कि
आवश्यक
होने
पर
18
जुलाई
को
देहरादून
स्थित
विधानसभा
भवन
में
राष्ट्रपति
पद
क
लिए
मतदान
होगा।
ऐसे
होता
है
राष्ट्रपति
का
चुनाव
राष्ट्रपति
चुनाव
के
लिए
एनडीए
ने
द्रौपदी
मुर्मू
को
राष्ट्रपति
के
लिए
उम्मीदवार
बनाया
है।
जबकि
विपक्ष
ने
यशवंत
सिन्हा
को
अपना
उम्मीदवार
बनाया
है।
इस
तरह
राष्ट्रपति
के
लिए
मतदान
होना
तय
है।
भारत
के
राष्ट्रपति
रामनाथ
कोविंद
का
कार्यकाल
24
जुलाई
को
खत्म
होने
वाला
है।
कोविंद
का
कार्यकाल
खत्म
होने
से
पहले
राष्ट्रपति
चुनाव
होगा।
राष्ट्रपति
चुनाव
की
घोषणा
गुरुवार
को
हो
चुकी
है
18
जुलाई
को
चुनाव
होंगे
और
21
जुलाई
को
परिणाम
आएंगे।
राष्ट्रपति
चुनाव
ये
चुनाव
Electoral
College
नामक
एक
प्रक्रिया
के
माध्यम
से
होता
है।
जिसमें
संसद
के
दोनों
सदनों
लोकसभा
और
राज्यसभा
के
निर्वाचित
सदस्य
और
सभी
राज्यों
के
सभी
विधायक
शामिल
होते
हैं।
सिंगल
ट्रांसफरेबल
वोट
सिस्टम
के
तहत
एक
वोटर
एक
ही
वोट
देता
है।
राष्ट्रपति
चुनाव
में
प्रत्येक
विधायक
के
वोट
का
वैल्यू
1971
की
जनगणना
के
अनुसार
राज्य
की
जनसंख्या
के
अनुपात
में
किया
जाता
है।
निर्वाचक
मंडल
में
राष्ट्रपति
का
चुनाव
करने
के
लिए
5,49,442
का
वोट
वैल्यू
पर्याप्त
है।
निर्वाचक
मंडल
में
4,896
विधायक
हैं।
इसमें
776
लोकसभा
और
राज्यसभा
सदस्य
और
4,120
विधायक
शामिल
हैं।