ओवैसी-चंद्रशेखर-शिवपाल सात अक्टूबर तक उपलब्ध कराएंगे सीटों का ब्यौरा, मऊ महारैली में होगा बड़ा ऐलान
लखनऊ, 21 सितंबर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में नए सियासी समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को संयुक्त भागदारी मोर्चा के कन्वीनर और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने AIMIM असदुद्दीन ओवैसी, भीम आर्मी के चीफ चंदेशेखर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव से अलग- अलग मुलाकात की। मुलाकात में तय हुआ कि सभी पार्टियां अपने अपने दावे के हिसाब से उन सीटों का ब्यौरा मोर्चा को उपलब्ध कराएंगी जिन सीटों पर वो लड़ना चाहती हैं। इसके लिए सभी दलों को सात अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
बैठक से जुड़े सूत्रों की माने तो बैठक में यह तय हुआ कि शिवपाल यादव, ओवैसी और चंद्रशेखर के अलावा सभी पार्टियां अपनी दावेदारी वाली सीटों के नाम सात सितम्बर तक संयुक्त मोर्चा को उपलब्ध कराएंगी। सीटों के दावे के हिसाब से फिर उसपर अगली बैठक में मंथन किया जाएगा। यह अगली बैठक लखनऊ में सात सितंबर को हो सकती है। बैठक में सभी दलों के बीच सीटों को लेकर तालमेल हो जाएगा। उसके बाद ही संयुक्त मोर्चा इस बात का फैसला करेगा कि बीजेपी से टक्कर लेने के लिए वो किस बड़ी पार्टी को अपना समर्थन देंगी।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता अरुण राजभर ने बताया कि,
''सात सितंबर को सीटों का तालमेल तय हो जाएगा उसके बाद 27 अक्टूबर को मऊ में संयुक्त भागीदारी मोर्चा की बड़ी रैली होगी जिसमें इस बात का ऐलान किया जाएगा कि मोर्चा सपा, बसपा या कांग्रेस में से किसको अपना समर्थन देगा। किसी के साथ बात नहीं बनी तो मोर्चा अकेले अपने दम पर ही यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। ओम प्रकाश राजभर, ओवैसी, शिवपाल और चंद्रेशेखर के बीच बैठकें हुई हैं जो सकारात्मक रही हैं। इनका नतीजा जल्द ही सामने आएगा।''
कुछ दिनों पहले ही हुई थी ओवैसी-राजभर-चंद्रशेखर की मुलाकात
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी और उनके सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने पिछले दिनों आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि ''भागीदारी संकल्प मोर्चा'' आजाद को अपने पाले में शामिल करना चाहता है। ऐसा माना जा रहा है कि संयुक्त भागीदारी मोर्चा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी), एआईएमआईएम, कृष्णा पटेल का अपना दल गुट और जनता क्रांति पार्टी सहित 10 दल शामिल हो सकते हैं।
बीजेपी
के
खिलाफ
मोर्चा
बनाने
में
जुटे
हैं
ओम
प्रकाश
राजभर
दरअसल,
2019
तक
योगी
आदित्यनाथ
के
नेतृत्व
वाली
कैबिनेट
में
मंत्री
रहे
राजभर
भगवा
पार्टी
से
अलग
होने
के
बाद
राज्य
सरकार
और
केंद्र
के
घोर
आलोचक
रहे
हैं।
हाल
ही
में,
एआईएमआईएम
और
एसबीएसपी
के
बीच
तनातनी
हुई
थी
जिसके
बाद
एसबीएसपी
ने
बीजेपी
के
साथ
अपनी
नजदीकीयां
बढ़ा
दी
थीं।
यूपी
एआईएमआईएम
के
अध्यक्ष
शौकत
अली
ने
जोर
देकर
कहा
कि
बीजेपी
को
रोकने
के
लिए
एआईएमआईएम
राजभर
के
साथ
हैं।
तय
उनको
करना
है
कि
गठबंधन
करना
है
कि
नहीं।
राजभर,
ओवैसी
और
चंद्रशेखर
मिले
तो
बनेंगे
नए
समीकरण
ओवैसी,
ओम
प्रकाश
राजभर
और
चंद्रशेखर
कीजो
तस्वीर
सामने
आयी
है
उसको
लेकर
अटकलों
का
बाजार
गर्म
हो
गया
है।
राजनीतिक
विश्लेषकों
का
कहना
है
कि
कार्यक्रमों
में
विरोधी
नेताओं
की
मुलाकात
होना
स्वाभाविक
बात
है
लेकिन
यदि
तीनों
की
मुलाकात
निजी
है
तो
आने
वाले
समय
में
यह
यूपी
में
नया
सियासी
गुल
खिला
सकती
है।
तीनों
पार्टियां
यदि
भागीदारी
मोर्चा
के
तले
एकजुट
हुईं
जैसा
कि
ओम
प्रकाश
राजभर
दावा
करते
हैं
तो
बड़ी
पार्टियों
को
नुकसान
हो
सकता
है।
भीम
आर्मी
की
पकड़
पश्चिमी
यूपी
में
दलित
समुदाय
में
ज्यादा
है
और
उनकी
अपनी
फैन
फालोइंग
भी
है।
यदि
उनकी
पार्टी
भागीदारी
मोर्चा
में
शामिल
हुई
तो
बसपा
के
वोटों
में
बिखराव
हो
सकता
है।
चंद्रशेखर
ने
पहले
ही
दिए
थे
गंठबंधन
के
संकेत
भीम
आर्मी
प्रमुख
ने
एक
कार्यक्रम
में
बोलते
हुए
कहा
था
कि
हम
दलितों
के
अधिकारों
के
लिए
कड़ी
लड़ाई
लड़
रहे
हैं।
यूपी
विधानसभा
चुनाव
के
लिए
हमारा
एकमात्र
लक्ष्य
गरीबों,
दलितों
को
सत्ता
में
वापसी
तय
करना
और
उनके
अधिकारों
के
लिए
लड़ना
है।
हम
यूपी
की
सभी
403
सीटों
पर
लड़ेंगे।
गठबंधन
को
तैयार
हैं
चंद्रशेखर
उत्तर
प्रदेश
में
गठबंधन
की
संभावना
के
बारे
में
पूछे
जाने
पर
भीम
आर्मी
प्रमुख
ने
कहा
कि
वह
ऐसे
किसी
से
भी
हाथ
मिलाने
के
लिए
तैयार
हैं
जो
सभी
के
अधिकारों
के
लिए
लड़ने
के
लिए
उनके
आदर्शों
के
पैमाने
पर
खरा
उतरता
हो।