चमोली त्रासदी: तपोवन टनल और रैणी से अब तक मिल चुके हैं 60 शव, 11 दिनों से जारी है बचाव अभियान
Uttarakhand Glacier Burst, चमोली। चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से आई भीषण आपदा को आज 11 दिन बीत चुके है। लेकिन राहत व बचाव कार्य आज भी जारी रहा है। तपोवन टनल में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने का सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ प्रयास कर रहे हैं। इस बीच उत्तराखंड के डीजीपी ने बताया कि अभी तक 60 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 27 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं जिसमें से 31 शवों एवं 01 मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है।
डीजीपी अशोक कुमार ने गुरुवार को एएनआई न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि आज तपोवन टनल से एक शव और एक मानव अंग बरामद हुआ है। वहीं, रैणी गांव के उत्तर दिशा से भी एक शव बरामद हुआ है। डीजीपी ने कहा कि अभी तक 60 शव बरामद किए जा चुके है, जिसमें 27 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं जिसमें से 31 शवों एवं 01 मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कुल 204 लोगों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी है। 56 परिजनों एवं 49 शवों के DNA सैम्पल मिलान हेतु FSL देहरादून भेजे गए हैं।
डीजीपी ने कहा है कि शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है। बीते कई दिनों से लगातार लोगों को बचाने का काम जारी है लेकिन मलबा इतनी ज्यादा तादाद में जमा है कि काम की गति धीमी है। कहा कि टनल के अंदर मलबा और कीचड़ ज्यादा होने के कारण खोज और राहत बचाव कार्य लंबे समय तक चलेगा। हालांकि, सुरंग में पानी आने पर पंपिंग द्वारा पानी निकाल जा रहा है। खोज और राहत बचाव कार्य जारी है।
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