kashipur firing case:5 माह के बेटे, 4 साल की बेटी के सिर से उठा मां का साया, गुरजीत के मौत से अनजान हैं मासूम
काशीपुर फायरिंग में जान गंवाने वाली गुरजीत के हैं दो बच्चे
एक पिता हाथ में पांच माह का बेटा और चार वर्ष की एक बेटी को लेकर अपनी पत्नी की मौत का इंसाफ मांग रहा है। जिन मासूमों के सिर से उनकी मां का साया छीना गया है शायद वो इस बात से अनजान हैं कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं है। उत्तराखंड के कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर गांव में बुधवार की देर शाम मुरादाबाद पुलिस की टीम सादी वर्दी में दबिश देने पहुंचे। पुलिस की कारवाई के दौरान हुई फायरिंग में जसपुर ब्लाक के ज्येष्ठ प्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरजीत कौर के सीने में गोली लग गई। जिससे गुरजीत की मौत हो गई।
5 माह पहले एक बेटा हुआ था, साथ ही चार वर्ष की एक बेटी
गुरजीत का 5 माह पहले एक बेटा हुआ था, साथ ही चार वर्ष की एक बेटी है। अब पिता गुरताज भुल्लर का रो रोकर बुरा हाल है। गुरताज ने मीडिया के सामने आकर यूपी पुलिस पर 5 माह और 4 साल के बच्चों से मां का साया छिनने का आरोप लगाया है। जिसके लिए अब गुरताज ने सीबीआई जांच की मांग की है।
गुरताज की मौत का जिम्मेदार कौन
गुरताज की मौत का जिम्मेदार कौन है ये जांच का विषय है लेकिन यूपी पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही मासूमों से उनकी मां का साया छीनने से परिजनों और स्थानीय लोगों में इसको लेकर गुस्सा है। उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर गांव में बुधवार की देर शाम मुरादाबाद पुलिस की टीम खनन माफिया जफर को दबोचने सादी वर्दी में दबिश देने पहुंचे। पुलिस की ओर से बताया गया कि यहां एक जसपुर ब्लाक के ज्येष्ठ प्रमुख गुरताज भुल्लर के घर में खनन माफिया छिपा था और स्थानीय लोगों के साथ उनकी झड़प हुई।
गुरजीत के दो बच्चे हैं। एक 5 माह का बेटा और 4 साल की बेटी
इस दौरान वहां फायरिंग भी हुई। पुलिस की कारवाई के दौरान हुई फायरिंग में भुल्लर की पत्नी गुरजीत कौर के सीने में गोली लग गई। जिससे गुरजीत की मौत हो गई। गुरजीत की मौत के बाद परिवार वाले पूरी तरह से टूट गए हैं। परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब मासूम बच्चों को पालने की है। गुरजीत के दो बच्चे हैं। एक 5 माह का बेटा और 4 साल की बेटी। जिन्हें शायद अभी इस बात का पता भी नहीं कि अब उनकी मां इस दुनिया में नहीं है।
पुलिसिंग पर सवाल उठ रहे
परिजनों को अब इन दोनों मासूमों की चिंता सता रही है। कि आखिर इन मासूमों की देखभाल कौन करेगा। परिजन ये सवाल कर रहे हैं कि इन मासूमों से उनकी मां का साया छिनने का अधिकार पुलिस को किसने दिया। जिस खनन माफिया जफर को पकड़ने यूपी पुलिस आई थी, वो अब पुलिस की गिरफ्त में है। लेकिन जिस तरह ये घटनाक्रम हुआ और एक महिला की गोली लगने ने मौत हुई, उससे पुलिसिंग पर सवाल उठ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना के बाद से सवालों के घेरे में
उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना के बाद से सवालों के घेरे में है। उत्तराखंड पुलिस भी यूपी पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर नाराजगी जता चुकी है। उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि इस घटना को लेकर उनके पास किसी तरह की जानकारी नहीं थी, जबकि यूपी पुलिस ने इसका जबाव उत्तराखंड पुलिस को दे दिया है। ऐसे में भविष्य में इस विवाद का असर दोनों स्टेट की पुलिस के रिश्तों पर पड़ना तय है।