उत्तराखंड में बढ़ता बीजेपी का कुनबा, कहीं बगावत का कारण न बन जाए, जानिए कैसे
बीजेपी के साामने अपने कुनबे को भी बचाने की चुनौती
देहरादून, 13 सितंबर। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी बीजेपी अपना कुनबा बढ़ाने में जुटी है। एक तरफ दूसरे दलों से बीजेपी में आने वाले दिग्गजों की शुरूआत हो चुकी है। सबसे पहले पहले यूकेडी और बाद में निर्दलीय विधायक रहे प्रीतम सिंह पंवार और अब पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है। बीजेपी के नेताओं का दावा है कि ये सिलसिला चुनावों तक जारी रहेगा। इधर बीजेपी के विधायकों के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं का विरोध होने से बीजेपी के लिए एक बार फिर पार्टी का कुनबा बचाने की भी चुनौती खड़ी हो गई है।
दूसरे
दलों
के
विधायकों
को
बीजेपी
ने
किया
अपने
पाले
में
चुनाव
से
पहले
उत्तराखंड
में
दलबदल
शुरु
हो
गया
है।
दलबदल
के
मामले
में
बीजेपी
ने
सबसे
बड़ी
सेंधमारी
की
है।
एक
ही
बार
में
दो
विधायकों
को
अपने
पाले
में
लाकर
बीजेपी
ने
कांग्रेस
को
बड़ी
चुनौती
दे
डाली
है।
धनोल्टी
सीट
से
निर्दलीय
विधायक
प्रीतम
पंवार
और
पुरोला
सीट
से
कांग्रेस
विधायक
राजकुमार
को
बीजेपी
ने
अपने
पाले
में
लाकर
कुनबा
तो
बढ़ा
लिया
लेकिन
जिन
क्षेत्रों
से
ये
विधायक
चुनकर
आते
हैं,
उस
क्षेत्र
के
बीजेपी
विधायक
और
कार्यकर्ताओं
में
हलचल
मच
गई
है।
ऐसे
में
आने
वाले
समय
में
बीजेपी
के
अंदर
टिकट
को
लेकर
बगावत
भी
हो
सकती
है।
बाहरी
की
एंट्री,
अपनों
में
मची
खलबली
सबसे
पहले
बात
प्रीतम
सिंह
की।
प्रीतम
हाल
में
धनोल्टी
सीट
से
विधायक
हैं
लेकिन
प्रीतम
का
धनोल्टी
और
यमुनोत्री
विधानसभा
सीट
पर
प्रभाव
है।
यमुनोत्री
सीट
पर
बीजेपी
का
ही
कब्जा
हैा
वर्तमान
विधायक
को
नजरअदांज
करना
बीजेपी
के
लिए
आसान
नहीं
हैा
ऐसे
में
आने
वाले
समय
में
इन
विधानसभा
सीटों
पर
5
साल
से
तैयारी
कर
रहे
बीजेपी
के
कार्यकर्ताओं
के
लिए
अब
दावेदारी
मुश्किल
में
पड़
सकती
है।
पुरोला
से
कांग्रेस
विधायक
राजकुमार
सबसे
पहले
सहसपुर
सीट
से
विधायक
रहे,
इसके
बाद
पुरोला
से
चुनकर
आए।
अब
राजकुमार
देहरादून
जिले
की
विधानसभा
सीट
से
टिकट
मांग
रहे
हैं।
इस
तरह
से
राजकुमार
के
बीजेपी
में
आने
से
3-3
सीटों
का
गणित
बदलना
तय
है।
सहसपुर
और
राजपुर
सीट
पर
भी
बीजेपी
के
विधायक
हैा
जो
कि
इस
बार
भी
दावेदारी
कर
रहे
हैं।
राजकुमार
के
बीजेपी
में
आने
के
बाद
बीजेपी
के
दावेदारों
की
नींद
गायब
हो
गई
है।
इस
तरह
से
बीजेपी
को
अपना
कुनबा
बचाने
का
भी
बड़ा
चेलेंज
सामने
आ
चुका
है।
अपने
विधायकों
को
संभालने
की
भी
चुनौती
अब
बात
बीजेपी
के
अंदर
विधायकों
को
लेकर
चल
रही
नाराजगी
की।
बीजेपी
में
देहरादून
जिले
के
दो
विधायकों
के
खिलाफ
स्थानीय
कार्यकर्ताओं
और
पार्टी
के
दूसरे
दावेदारों
ने
बगावत
तेज
कर
दी
है।
सबसे
पहले
बात
रायपुर
विधायक
उमेश
शर्मा
उमेश
शर्मा
काऊ
की।
विधायक
के
कार्यक्रम
में
जिस
तरह
से
कैबिनेट
मंत्री
के
सामने
बवाल
हुआ।
उसके
बाद
से
हाईकमान
से
लेकर
पार्टी
संगठन
तक
विरोध
को
लेकर
शिकायत
हुई।
लेकिन
अब
स्थानीय
लोगों
ने
विधायक
के
खिलाफ
मोर्चा
खोलते
हुए
महापंचायत
कर
विधायक
के
खिलाफ
बगावत
कर
दी
है।
जिससे
आने
वाले
समय
में
विधायक
की
मुश्किलें
खड़ी
होना
तय
है।
इसके
अलावा
धर्मपुर
से
बीजेपी
विधायक
विनोद
चमोली
का
धर्मसंकट
बढ़ता
जा
रहा
है।
विधायक
का
स्थानीय
लोगों
ने
अब
घर
के
बाहर
ही
जाकर
धरना
देना
शुरू
कर
दिया
है।
इतना
ही
नहीं
विधायक
को
क्षेत्रीय
जनता
के
गुस्से
का
भी
शिकार
होना
पड़
रहा
है।
क्षेत्रीय
जनता
का
गुस्सा
देखकर
विधायक
भी
सड़क
पर
धरने
पर
बैठ
गए।
इतना
ही
नहीं
विधायक
और
स्थानीय
लोगों
के
बीच
जमकर
तनातनी
भी
होती
रही।
इन
दोनों
प्रकरण
के
बाद
बीजेपी
के
लिए
अपने
कुनबे
को
बचाना
आसान
नहीं
होगा।
पार्टी
के
अंदर
विधायकों
को
लेकर
पहले
से
बगावत
हो
रही
है
और
अब
नए
विधायकों
को
पार्टी
में
लाने
से
भी
बीजेपी
को
अपना
कुनबा
संभालने
में
परेशानी
हो
सकती
है।