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मंत्री के एक्शन में आते ही बदल गई केदारनाथ पैदल मार्ग में पशुओं की तस्वीर, जानिए क्या है मामला

केदारनाथ पैदल मार्ग पर जानवरों के हालात सुधरने का दावा

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देहरादून, 7 जून। केदारनाथ पैदल मार्ग में घोड़े खच्चरों की मौत के बाद राज्य सरकार के अलर्ट होने का असर अब नजर आने लगा है। पशुपालन विभाग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीते एक हफ्ते में पशुओं की समस्याएं काफी हद तक कंट्रोल हो चुकी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है 23 दिनों में जहां 97 पशुओं की मृत्यु हुई थी, वह संख्या एक हफ्ते में 32 पहुंच गई है।

 As soon as the minister came into action, the picture of animals in the Kedarnath walkway changed, know what is the matter

23 दिनों में 97 पशुओं की मृत्यु, एक हफ्ते में 32 पहुंच गई
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि केदारनाथ यात्रा शुरू होने से 6 मई से 29 मई के बीच 1256 पशु चिकित्सा की गई जबकि 30 मई से 5 जून के बीच यह संख्या 345 हो गई है। वहीं 23 दिनों में जहां 97 पशुओं की मृत्यु हुई थी, वह संख्या एक हफ्ते में 32 पहुंच गई है। बता दें कि पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने खुद केदारनाथ पैदल मार्ग पर पशुओं की देखरेख और हालातों का जायजा लिया था। इसके साथ ही जरुरी दिशा निर्देश देते हुए नई प्लानिंग पर काम करने को कहा गया था। इसी को लेकर रुद्रप्रयाग पशुपालन विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें 6 मई से 29 मई के बीच और 30 मई से 5 जून के बीच की रिपोर्ट तैयार की गई है। बताया गया है कि मंत्री के दौरे से पहले 1256 पशुओं का निरीक्षण किया गया तो निरीक्षण के बाद 4275 पहुंच गया है। इतना ही नहीं मंत्री के सख्त निर्देश के बाद 93 पशुओं को यात्रा मार्ग पर अयोग्य घोषित किया गया है। इसके साथ ही 62 पशु मालिक का चालान और 7 पर एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि पहले ये सभी संख्या 0 थी। इस तरह पशुओं की स्थिति सुधरने का दावा किया गया है। साथ ही जानवरों पर हो रहे अत्याचारों पर पूरी तरह रोक लगाने की बात की जा रही है।
29 मई को पशुपालन मंत्री ने दिए थे निर्देश
बीते 29 मई को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केदारनाथ पैदल मार्ग में घोड़ा-खच्चरों की मौत को लेकर जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर जरुरी दिशा निर्देश दिए थे। इसके साथ ही मंत्री ने केदारनाथ में पैदल मार्ग पर जानवरों के देख रेख और जरुरी इंतजामों का भी निरीक्षण किया था। तब मंत्री को बताया गया था कि महज 16 दिनों में 55 घोड़ा-खच्चरों की पेट में तेज दर्द उठने से मौत हो चुकी है, जबकि 4 घोड़ा-खच्चरों की गिरने से और एक की पत्थर की चपेट में आने से मौत हुई। 18 से 20 किमी की दूरी तय कर रहे जानवरों को यात्रा में भरपेट चना, भूसा और गर्म पानी भी नहीं मिल पा रहा। तमाम दावों के बावजूद पैदल मार्ग पर एक भी स्थान पर घोड़ा-खच्चर के लिए गर्म पानी नहीं है। एक तरफ जहां जानवरों के लिए कोई सुविधा नहीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ, संचालक और हॉकर रुपये कमाने के लिए घोड़ा-खच्चरों से एक दिन में गौरीकुंड से केदारनाथ के 2 से 3 चक्कर लगवा रहे हैं। जिस कारण वह थकान से परेशान होकर दर्दनाक मौत का शिकार हो रहे हैं। इस पर पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केदारनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने और यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोडे खच्चरों का स्वास्थ का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई घोड़ा खच्चर कमजोर एवं अनफिट है तो उसका यात्रा मार्ग में संचालन न किया जाय। मंत्री ने यात्रा मार्ग में पीने के पानी की उचित व्यवस्था करने और पशुचरहियों की उचित साफ-सफाई करते हुए खच्चरों के लिये गर्म पानी व उनके चारे-दाने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश​ दिए। उन्होंने कहा कि एक दिन में पचास प्रतिशत ही घोड़े खच्चरों का संचालन किया जाए और घोड़े खच्चरों को एक दिन का अनिवार्य रूप से आराम दिया जाए। सौरभ बहुगुणा ने जिला प्रशासन को यात्रा मार्ग में एक फोर्स तैनात करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने पांच सदस्यों की टीम भी गठित करने के निर्देश दिये, जांच में घोड़ा खच्चर कमजोर पाया जाता है तो यात्रा मार्ग में उसका संचालन नहीं होने देंगे। मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि यदि यात्रा मार्ग में घोड़े खच्चर की मृत्यु होने पर जांच रिपोर्ट में पाया जाता है कि उसकी मृत्यु उचित दाना-पानी न मिलने व भूख के कारण हुई है तो घोड़े खच्चर मालिक एवं होकर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए और घोड़े खच्चर के बीमा का पैसा भी न दिया जाए। इस तरह से विभागीय मंत्री के एक्टिव होने के बाद पैदल मार्ग में पशुओं की स्थिति सुधरने का दावा किया जा रहा है।

6 मई से 29 मई 30 मई से 5 जून
पशु चिकित्सा 1256 345
पशु मृत्यु 97 32
कुल पशु निरीक्षण संख्या 1256 4275
यात्रा हेतु अयोग्य घोषित पशु 0 93
पशु मालिक चालान 0 62
यात्रा प्रतिभाग से ब्लॉक किए गए पशु 0 297
एफ आई आर 0 7

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English summary
As soon as the minister came into action, the picture of animals in the Kedarnath walkway changed, know what is the matter
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