उत्तराखंड: तबाही का अमित शाह ने लिया जायजा, कहा- किसी पर्यटक की जान नहीं गई, अब हालात नियंत्रण मेंं
देहरादून, 21 अक्टूबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उत्तराखंड के बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अमित शाह ने देवप्रयाग, पौड़ी, रामनगर, रामगढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी का सर्वेक्षण किया। उत्तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। बाढ़ और बारिश के कारण राज्य में अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।

हवाई सर्वे के बाद मीडिया से बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि, यहां के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, आपदा प्रबंधन मंत्री और भारत व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ देवभूमि में आई आपदा का हवाई निरीक्षण किया। यहां हुई तबाही की मोटी तस्वीर देखने को मिली। राज्य और केंद्र सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ भी बैठना हुआ। भारत सरकार की ओर से समय पर चेतावनी मिलने के कारण बहुत कम मात्रा में नुकसान हुआ है, कम से कम जान हानि बहुत कम मात्रा में हुई है।
अमित शाह ने आगे कहा कि, 6 तारीख को 2:30 से 3:00 बजे ही भारत सरकार ने राज्य सरकार को चेतावनी जारी कर दी थी इस वजह से जान की हानि कम हुई है चार धाम के यात्रियों को भी समय पर रोका गया। अब चार धाम की यात्रा फिर से शुरू कर दी गई है। 'उन्होंने बताया कि ज्यादा सड़कें खुल गई है, रेलवे ट्रैक के रिपेयर का काम भी शुरू हो चुका है। अब तक सरकार के पास 64 मृत्यु अधिकृत रूप से रजिस्टर हुई हैं और 11 से ज़्यादा लोग लापता हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि, बिजली की उपलब्धता 60% से अधिक कर दी गई है। राज्य सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत अच्छे तरह से चलाया है। 80% जगह पर टेलीफोन नेटवर्क को रिस्टोर कर दिया गया है। 3500 से ज़्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। तीन-चार जगह पर पहाड़ काटकर रास्ता बनाना पड़ेगा क्योंकि भूस्खलन के कारण सड़कें बह गई हैं। आपदा प्रबंधन की तरफ से पहले ही राज्य को 250 करोड़ रुपए दिए गए हैं। केंद्र सरकार राज्य को पूरी सहायता देगी।
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इस दौरान अमित शाह ने सीएम की पीठ भी थपथपाई और कहा कि धामी के नेतृत्व में अच्छा काम हुआ है। शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूझबूझ से काम किया। सभी एजेंसियों ने समय पर अपना काम किया। राज्य सरकार ने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं जिन लोगों के घर आपदा में नष्ट हो गए हैं उन्हें 1.90 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। किसानों के साथ ही बाढ़ व भूस्खलन में अपने मवेशियों को खोने वालों की भी मदद की जाएगी।