योगी- केशव के कोल्डवार में कैसे लगी Bhupendra Singh की लॉटरी, जानिए पूरी INSIDE STORY
लखनऊ, 25 अगस्त: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी ने पिछले कुछ दिनों से यूपी के संगठन में बदलाव किया है। पहले संगठन मंत्री सुनील बंसल को हटाकर यहां की कमान धर्मपाल सिंह को सौंपी गई। इसके कुछ दिन बाद आलाकमान ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की जगह पश्चिम के जाट नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी को यूपी की जिम्मेदारी दी है। बीजेपी के सूत्रों की माने तो भूपेंद्र सिंह यूं तो यूपी के इस सबसे बड़े हाईप्रोफाइल पद के लिए रेस में ही नहीं थे लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच चले कोल्डवार की वजह से भूपेंद्र सिंह की लॉटरी लग गई।
Recommended Video
योगी ने केशव के नाम पर लगाया वीटो ?
बीजेपी के सूत्रों की माने तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने केशव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर आपत्ति की थी। योगी ने कहा था कि यूपी में यदि ओबीसी को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाना है तो फिर स्वतंत्रदेव सिंह को ही जारी रखा जाए। वह स्वतंत्रदेव सिंह को एक और कार्यकाल दिए जाने के पक्ष में थे। चूंकि योगी और स्वतंत्रदेव की ट्यूनिंग अच्छी है इसलिए वह स्वतंत्रदेव की ही पैरोकारी कर रहे थे। इसके उलट केंद्रीय नेतृत्व केशव को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता था लेकिन योगी के वीटो ने सारा खेल बिगाड़ दिया। यूं कहें कि इस मामले में योगी भारी पड़ गए।
विधानसभा चुनाव के बाद से ही लग रही थी ये अटकलें
उत्तर प्रदेश बीजेपी में नए बॉस के नाम को लेकर चुनाव के बाद से ही अटकलें लग रहीं थीं। इन अटकलों को तब और हवा मिल गई जब स्वतंत्रदेव सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपना इस्तीफा केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया था। इसके बाद से ही ऐसी अटकलें लग रहीं थीं कि केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे हैं। कुछ दिनों पहले जब बंसल को यूपी से हटाया गया था तब उन्होंने बसंल की तारीफ में कसीदे पढ़े थे और कहा था कि यूपी के चुनावों में जीत उनकी वजह से ही मिली है। इसके बाद केशव ने संगठन सरकार से बड़ा है बयान देकर हलचल मचा दी माना गया कि वह प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
योगी को नाराज नहीं करना चाहता आलाकमान
बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि दरअसल केंद्रीय नेतृत्व सीएम योगी को नाराज नहीं करना चाहता क्योंकि उसको पता है कि अगले आम चुनाव में योगी की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। योगी नाराज हुए तो मिशन 2024 को लेकर बीजेपी ने यूपी में 75 प्लस सीटें जीतने का जो सपना पाल रखा है उसको धक्का लग सकता है। बीच का रास्ता निकालते हुए आलाकमान ने भूपेंद्र सिंह के नाम पर सहमति बनाई। भूपेंद्र सिंह के पास 32 सालों का सांगठनिक अनुभव है और पश्चिम में जाट बिरादरी के वो बड़ा चेहरा हैं। बीजेपी ने उनको आगे कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
केशव के रुख से गरमाया था यूपी का माहौल
दरअसल प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले जिस तरह का तेवर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दिखा रहे थे उससे यूपी के सियासी हलकों में तूफान उठा हुआ था। हर तरफ उनके ट्वीट की ही चर्चा हो रही थी। बसंल की तारीफ और संगठन को सरकार से बड़ा बताने के पीछे केशव ने कौन सा दांव खेला था इसका विश्लेषण राजनीति विश्लेषक अलग अलग तरीके से कर रहे हैं। राजनतीक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य के बयान और ट्वीट एक सोची समझी रणनीति का ही हिस्सा था। हालांकि वह अपनी रणनीति में सफल नहीं हुए लेकिन आने वाले दिनों में ये कोल्डवार और तेज होने की संभावना है।
लोकसभा चुनाव 2024 में भूपेंद्र की होगी अग्नि परीक्षा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाली बीजेपी अब 2024 के चुनाव में फोकस करेगी। भूपेंद्र सिंह के सामने अब जिम्मेदारी काफी बड़ी है। बीजेपी ने अगले आम चुनाव को लेकर अपना टारगेट फिक्स किया है। बीजेपी 2024 में उत्तर प्रदेश में 75 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। अब इस मिशन को पूरा करने के लिए भूपेंद्र सिंह को जोर लगाना पड़ेगा। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि भूपेंद्र सिंह चौधरी के अध्यक्ष बनने से एक कार्यकर्ता को सम्मान मिला है। भूपेंद्र सिंह कार्यकर्ताओं में काफी लोकप्रिय हैं। अब इनकी लोकप्रियता का लाभ पार्टी को मिलेगा।