नई जनसंख्या नीति 2021-30: ड्राफ्ट में इन अहम बिंदुओं पर फोकस करेगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य में जनसंख्या को नियंत्रित करने की दोतरफा कवायद शुरू की है। एक तरफ विश्व जनसंख्या दिवस, 11 जुलाई, रविवार को प्रदेश सरकार नई जनसंख्या नीति 2021-30 को जारी करने जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ जनसंख्या नियंत्रण को कानूनी जामा देने के लिए राज्य विधि आयोग ने विधेयक का एक ड्राफ्ट तैयार किया है। इस ड्राफ्ट को प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर अपलोड पर 19 जुलाई तक जनता को सुझाव देने को कहा गया है। संभावना जताई जा रही है कि रविवार को जारी होने वाली योगी सरकार की जनसंख्या नीति में ऐसे प्रावधान होंगे जिससे प्रदेश की जनसंख्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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योगी सरकार की जनसंख्या नीति में क्या-क्या होगा, इस बारे में सूत्रों के हवाले से ऐसा कहा जा रहा है कि इसमें
- राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत गर्भनिरोधक उपायों तक लोगों की पहुंच को आसान बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
- सुरक्षित गर्भपात के लिए भी नीति में उपाय किए जाएंगे।
- प्रदेश की जनसंख्या के नियंत्रण के साथ-साथ उसे बढ़ने न देने के उपायों के भी प्रावधान होंगे।
- जिनको संतान नहीं हो रही हैं, उनकी समस्याओं के निदान पर भी नीति होगी।
- नीति बनाकर प्रदेश में नवजात और माताओं के मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे।
- बुजुर्गों की देखभाल के साथ-साथ 11 से 19 साल के युवाओं के स्वास्थ्य व कुपोषण की समस्या के प्रबंधन पर भी नीति लाई जाएगी।
रविवार को जारी होने वाली जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (NHFS-4) में मिले तथ्यों के आधार पर यह ड्राफ्ट बनाया गया है। गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बयान भी जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा कि जनंसख्या विस्फोट के पीछे गरीबी और अशिक्षा बड़े कारण हैं। कुछ समुदायों में जनसंख्या को लेकर जागरूकता की भी कमी है इसलिए नियंत्रण के लिए समुदाय केंद्रित प्रयास की जरूरत है।
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सीएम योगी ने कहा कि नई जनसंख्या नीति समय की मांग है क्योंकि प्रदेश में 2000-2016 की जनसंख्या नीति की अवधि खत्म हो चुकी है। उन्होंने जनसंख्या नीति की समीक्षा करते हुए स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाने के साथ-साथ नवजातों, युवाओं और बुजुर्गों के डिजिटल ट्रैकिंग करने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों के साथ नई जनसंख्या नीति पर बैठक करते हुए सीएम ने कहा कि सभी समुदायोँ में जनसंख्या के संतुलन का प्रयास होना चाहिए। लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से पहुंचे ताकि मातृत्व व नवजात मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाया जा सके।