जानिए क्या है UP की योगी सरकार की 'शिक्षक साथी' योजना, कैसे मिलेगा सेवानिवृत्त शिक्षकों को लाभ
लखनऊ, 03 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब यूपी में रिटायर्ड शिक्षकों के लिए नया प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत अब सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों को शिक्षा की सेहत सुधारने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अधिकारियों दावा है कि प्रदेश के युवाओं को बेहतर शिक्षा के माध्यम से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दृष्टि से सरकार ने सेवानिवृत्त अनुभवी शिक्षकों की सेवाएं 'शिक्षक साथी' के रूप में लेने का निर्णय लिया है। दावा किया जा रहा है कि राज्य सरकार के इस फैसले से न केवल प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को अनुभवी शिक्षकों से सीखने का लाभ मिलेगा, बल्कि अनुभवी शिक्षकों को भी सरकार में शामिल होकर सेवा करने का मौका मिलेगा।
स्कूली बच्चों को मेंटर करने का काम करेंगे शिक्षक
अधिकारियों की माने तो ये शिक्षक साथी उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा स्कूलों में बच्चों को मेंटर करेंगे। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा संचालित विद्यांजलि योजना के तहत प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसकी शुरुआत की जा रही है. इसके तहत चयन में सेवानिवृत्त शिक्षकों, और राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार विजेताओं को वरीयता दी जाएगी।
शिक्षण कार्य में सुधार करना योजना का मकसद
इस योजना का उद्देश्य स्वयंसेवकों की मदद से स्कूलों में शिक्षण कार्य में सुधार करना है। अतः विद्यालयों में अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से इच्छुक सेवानिवृत्त परिषद शिक्षकों (शिक्षक साथी) के माध्यम से विद्यालयों का सहकारी पर्यवेक्षण करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने इसके लिए शासनादेश भी जारी किया है और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षक साथी का चयन करते समय एक माह के भीतर राज्य परियोजना कार्यालय को सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
70 साल तक के शिक्षकों को मिलेगा इसमें मौका
शिक्षक साथी के रूप में केवल उन्हीं सेवानिवृत्त शिक्षकों का चयन किया जाएगा जिनके पास किसी परिषद प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक या प्रधानाध्यापक के रूप में कम से कम पांच वर्ष का शिक्षण अनुभव होगा। इस कार्य के लिए केवल उन्हीं शिक्षकों को अनुमति दी जाएगी, जो 70 वर्ष की आयु तक शिक्षक साथी बनने के लिए तैयार हैं। उनका मुख्य कार्य स्कूलों को सहयोगात्मक पर्यवेक्षण प्रदान करना और सीखने के परिणामों के सापेक्ष बच्चों के बीच सीखने को बढ़ाना होगा। इसके अलावा उनसे कोई अन्य काम नहीं लिया जाएगा।
प्रतिमाह मिलेगा 2500 रुपये अनुमन्य भत्ता
फिलहाल इनकी संख्या तय नहीं की गई है और इसमें सभी पात्र और इच्छुक आवेदकों को शामिल किया जा सकता है। शिक्षक का कार्यकाल एक वर्ष का होगा। प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर जिला चयन समिति द्वारा अनुमोदन के बाद हर साल नियुक्ति का नवीनीकरण किया जाएगा। प्रत्येक शिक्षक को 2,500 रुपये प्रति माह की दर से भत्ता देय होगा। कोई अन्य भत्ता या मानदेय नहीं दिया जाएगा। चयन के बाद शिक्षक साथी जिला परियोजना कार्यालय में कार्यभार संभालेंगे। आवश्यकता आधारित विकास खण्डों का आवंटन जिला चयन समिति द्वारा प्रखंडवार मूल्यांकन के बाद किया जायेगा।
28 अक्टूबर तक शिक्षक साथी के तहत देनी होगी कार्ययोजना
शिक्षक सहभागी को आगामी एक माह की कार्ययोजना एवं भ्रमण कार्यक्रम जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं डाइट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) प्राचार्य को 28 तारीख तक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। प्रेरणा एप के माध्यम से हर माह कम से कम 30 स्कूलों को ऑनलाइन सहायक पर्यवेक्षण प्रदान किया जाएगा। बच्चों और अभिभावकों को दीक्षा और रीड अलॉन्ग ऐप का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बच्चों की प्रार्थना सभा, बैठने की व्यवस्था, समय सारिणी का उपयोग, बाल संसद, मीना मंच, पुस्तकालय, खेल गतिविधियों, अवलोकन और आदर्श शिक्षण का प्रदर्शन किया जाएगा।