यूपी की सड़कों के गड्ढों में फंसे सीएम योगी और केशव
यूपी में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दावे अलग अलग, किन दावों पर जनता करे भरोसा, सड़कों के गड्ढा मुक्त होने की कहानी का सच
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर की सड़कों को 15 जून के भीतर दुरुस्त करने की बात कही थी, उन्होंने कहा था कि वह प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर देंगे। इसके लिए उन्होंने 15 जून की समय सीमा तय की थी, जोकि आज खत्म हो रही है। लेकिन जिस तरह से पिछले दिनों यूपी में बारिश शुरू हुई है उसके बाद इस काम को रोकने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 80 फीसदी सड़कों के गड्ढों को भरने का काम पूरा हो गया है और अब बाकी का काम बारिश के मौसम के बाद होगा।
मुख्यमंत्री का दावा 80 फीसदी सड़कें गड्ढा मुक्त
मुख्यमंत्री ने दो महीने के भीतर 1.21 लाख किलोमीटर सड़कों के गड्ढों को दो महीने के भीतर भरने की बात कही थी, 14 जून को मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ज्यादातर सड़कों के गड्ढों को भर दिया है और जिन सड़कों पर काम नहीं हो सका है वहां बरसात के बाद काम होगा। लेकिन मुख्यमंत्री के दावे से इतर जो विभाग के दावे सामने आए हैं वह योगी आदित्यनाथ के दावे से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। तमाम विभाग के आंकड़ों के लिहाज से देखें तो अभी भी तकरीबन 40 फीसदी सड़कों के गड्ढों का काम पूरा होना बाकी है।
केशव प्रसाद मौर्या और योगी आदित्यनाथ के आंकड़े अलग
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री ने 80 फीसदी सड़कों के गड्ढों को भरने का दावा किया है तो दूसरी तरफ उनके इस दावे को खुद उनके उपमुख्यमंत्री ने खारिज किया है। मुख्यमंत्री के दावे से इतर केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि प्रदेश की 60 फीसदी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है, और आने वाले समय में इस काम को पूरा किया जाएगा। केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए 9 विभागों को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें से 60 फीसदी काम पूरा हो गया है।
इन विभागों में काम तक शुरु नहीं हुआ
इन तमाम विभागों को प्रदेश की सड़कों के काम को पूरा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन सिंचाई विभाग को जिस काम की जिम्मेदारी दी गई थी, वह काम अभी तक शुरु भी नहीं हो पाया है। पीडब्ल्यूडी को 7 जून तक 85,942 किलोमीटर सड़क का गड्ढा मुक्त करने का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन र13 जून की रिपोर्ट के मुताबिक विभाग 66039 किलोमीटर का ही लक्ष्य पूरा कर सका है, इस लिहाज से विभाग ने सिर्फ 77.55 फीसदी ही काम पूरा किया है।
क्या कहते हैं आंकड़े
नेशनल हाईवे को 189 किलोमीटर की सड़क को सही करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन इसमें से सिर्फ 133 किलोमीटर सड़क का ही काम पूरा हो पाया है, जोकि सिर्फ 70.37 फीसदी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 60 किलोमीटर का लक्ष्य दिया गया था जिसमें से 48.85 किलोमीटर का काम पूरा हो पाया है, जिको 81.42 फीसदी है। पंचायती राज विभाग को 3890 किलोमीटर का काम दिया गया था, जिसमें से 255.12 किलोमीटर का काम पूरा हुआ है,जिको सिर्फ 6.56 फीसदी है। मंडी परिषद को 10 हजार 193 किलोमीटर का काम दिया गया था जिसमें से 1811 किलोमीटर का काम पूरा हुआ है, जोकि 17.77 फीसदी है।