UP में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मिल सकता है विस्तार, जानिए किन जिलों का आ सकता है नंबर
लखनऊ, 04 अप्रैल: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के समाप्त होने के बाद अब एक बार फिर यूपी में कमिश्नरेट प्रणाली के विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं। यूपी में पहले ही नोएडा, कानपुर, वाराणसी और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट की व्वयस्था लागू की गई है। सूत्रों की माने तो अब यूपी में इसक सफलता को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस बारे में कोई अंतिम निर्णय ले सकते हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि भरोसेमंद अफसरों की कमी भी इसके लागू न होने का एक बड़ा कारण है। जिसको लेकर मंथन चल रहा है।
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हुई सरकार की वापसी
दरअसल सरकार की सत्ता में वापसी में कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को प्रमुख कारण माना जा रहा है। अपराध नियंत्रण में पुलिस कमिश्र प्रणाली को नकारा नहीं जा सकता है। एसे में में जनता के भरोसे को बनाए रखने के लिए अब सरकार कई और बड़े शहरों जैसे मेरठ, आगरा, प्रयागराज और झांसी जैसे जिलों में इसका विस्तार कर सकती है। सूत्रों की माने तो पश्चिमी यूपी के तीन जिलों गाजियाबाद, मेरठ और आगरा के अलावा प्रयागराज में इसकी आवश्यकता बतायी जा रही है। सबसे छोटे पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी की अपेक्षा सभी शहरों की आबादी काशी से ज्यादा है और क्षेत्रफल भी बड़ा है।
भरोसेमंद अफसरों की कमी आ रही आड़े ?
डीजीपी विभाग की सूत्रों की माने तो दरअसल में अभी भरोसेमंद अफसरों की कमी आड़े आ रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने के लिए बड़े पैमाने पर अफसरों की जरूरत पड़ेगी इनमें एडीजी से लेकर आईजी, डीआईजी और एसपी स्तर के अधिकारियों की जरूरत पड़ती है। लेकिन अभी सरकार के पास इस रैंक पर भरोसेमंद अफसरों की काफी कमी है जिसकी वजह से इस फैसले में देरी हो रही रही है।
मोदी ने भी चुनाव में किया था पुलिस कमिश्नरेट का जिक्र
एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चार और जिलों को खुद के पुलिस आयुक्त मिल सकते हैं। इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यूपी के अधिक आबादी वाले जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली स्थापित किए जाने चाहिए। योगी ने अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश के चार जिलों में पुलिस कमिश्नर भी तैनात किए। अब, कथित तौर पर चार जिलों को शॉर्टलिस्ट किया गया है जहां निकट भविष्य में पुलिस आयुक्तालयों का गठन किया जा सकता है।
नए कमिश्नरेट प्रणाली में शामिल हो सकते हैं चार जिले
सूची में जगह बनाने वाले चार जिले आगरा, मेरठ, गाजियाबाद और प्रयागराज हैं। इनमें से एक पुलिस आयुक्त को आगरा और प्रयागराज में तैनात किए जाने की संभावना है, आईपीएस अधिकारी ने अनुमान लगाया। इस संबंध में राज्य सरकार ने डीजीपी मुख्यालय और नोएडा, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर में तैनात पुलिस आयुक्तों से रिपोर्ट मांगी है। यह भी पढ़ें | जिन चार जिलों में पुलिस आयुक्तालय प्रणाली लागू की गई है, वहां कथित तौर पर पहले की तुलना में कम अपराध दर दर्ज की गई है। इस संदर्भ में समाजसेवी समीर ने कहा कि पर्यटन स्थलों और विरासत स्थलों के लिए मशहूर आगरा जिला बेहतर अपराध नियंत्रण से लाभान्वित हो सकता है।