फॉर्च्यूनर वापस लेकर केशवदेव मौर्य को अखिलेश ने किया पैदल, जानिए इसके पीछे की सियासत
लखनऊ, 13 जून: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है। चुनाव के दौरान मिलकर चुनाव लड़े दलों में फूट पड़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव और महान दल के नेता केशव देव मौर्य के साथ चुनाव के दौरान गठबंधन हुआ था। गठबंधन चुनाव हार गया था। हालांकि उसके बाद एमएलसी चुनाव में सहयोगियों ने अखिलेश से काफी अपेक्षाएं पाल रखीं थीं। उनमें से केशवदेव मौर्य भी थे। यूपी में एमएलसी की 13 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हो गया है जिसमें चार सीटें सपा के पास गई हैं। इन्हीं चारों सीटों को लेकर अखिलेश के सहयोगी केशव देव मौर्य ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था।
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विधानसभा चुनाव में सपा-महान दल के बीच हुआ था गठबंधन
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए महान दल के साथ गठबंधन किया था और महान दल चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सका था। जबकि समाजवादी पार्टी राज्य में 111 सीटें जीतने में सफल रही। अब प्रदेश में महान दल से सपा का गठबंधन टूट गया है और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य को पैदल कर दिया है। दरअसल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केशव देव मौर्य को फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट की थी, जिसे गठबंधन टूटने के बाद वापस ले लिया गया है। दरअसल मौर्य ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में भाग नहीं लेने के कारण बुधवार को सपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था।
केशव देव मौर्य ने सपा पर लगाया उपेक्षा का आरोप
दरअसल मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में अपनी पार्टी को सम्मान नहीं दिया. जिसके बाद उन्होंने सपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया. गौरतलब है कि सपा ने विधानसभा चुनाव में महान दल को केवल दो सीटें दी थीं और इन दोनों सीटों पर केशव की पत्नी और बेटे ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर साइकिल पर चुनाव लड़ा था लेकिन चुनाव में दोनों हार गए। जिसके बाद केशव देव मौर्य चाहते थे कि एसपी उनके बेटे या पत्नी को विधान परिषद में भेजे। लेकिन सपा ने बीजेपी से आए स्वामी प्रसाद मौर्य को एमएलसी बना दिया. जिसके बाद बड़ी पार्टी सपा से नाराज हो गई।
अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव में अपने सारथी को बताया था
राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने केशव देव मौर्य की तारीफ करते हुए खुद को अर्जुन और कृष्ण बताया था। अखिलेश यादव ने तब कहा था कि केशव देव मौर्य उनके सारथी होंगे। इसके बाद अखिलेश यादव ने उन्हें एक फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट की। लेकिन अब चुनाव के बाद इसे वापस ले लिया गया है। दरअसल सपा को उम्मीद थी कि केशव से पार्टी को फायदा होगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. चुनाव में पिछड़ी जातियों में सैनी वर्ग के प्रमुख शाक्य, मौर्य, कुशवाहा और केशव अपना वोट सपा को नहीं दे सके।
ओम प्रकाश राजभर भी मांग रहे थे बेटे के लिए सीट
सपा गठबंधन के दूसरे सहयोगी के अध्यक्ष ओपी राजभर भी सपा नेतृत्व से नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि राजभर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि वह गुस्से में हैं और अक्सर सपा प्रमुख पर तंज कसते रहते हैं। सूत्रों की माने तो ओम प्रकाश राजभर भी अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि राजभर ने सार्वजनिक तौर पर अपने गुस्से का इजहार नहीं किया है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में वह इसका जवाब अपने तरीके से दे सकते हैं।
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