ओवैसी की पार्टी से यूपी में चुनाव लड़ने वाले ब्राह्मण उम्मीदवार पंडित मनमोहन झा कौन हैं ? जानिए
गाजियाबाद, 18 जनवरी: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने गाजियाबाद की साहिबाबाद से एक हिंदू और वो भी ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट देकर सबको चौंका दिया है। खास बात ये है कि ओवैसी ने जिन पंडित मनमोहन झा को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है, वे समाजवादी पार्टी में दो दशक से भी पहले से जुड़े हुए थे और क्षेत्र में उसके बहुत ही सक्रिय नेता माने जाते रहे हैं। लेकिन,अब वे ओवैसी की पार्टी के लिए वोट मांगेंगे और क्षेत्र की जातीय और धार्मिक समीकरण के हिसाब से उन्हें यह भी लग रहा है कि उनकी जीत तो पक्की है। एक बात और खास है कि ओवैसी के ये ब्राह्मण उम्मीदवार मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं।
ओवैसी ने ब्राह्मण उम्मीदवार को उतारा
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सोमवार को यूपी विधानसभा चुनावों के लिए 8 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी लिस्ट जारी की, जिसमें सिर्फ एक हिंदू प्रत्याशी को जगह मिली। ओवैसी की पार्टी ने गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट से ब्राह्मण उम्मीदवार पंडित मनमोहन झा को मौका दिया है,जो पिछले 22 वर्षों से समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए थे। झा खुद को बिहार के मैथिल ब्राह्मण बताते हैं और फेसबुक पर उनका नाम मनमोहन झा गामा के तौर पर नजर आता है। इलाके के लोगों में वह खासतौर पर गामा के नाम से ही चर्चित हैं।
'एआईएमआईएम संविधान के प्रावधानों को मानती है'
22 वर्षों तक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सपा में रहते हुए मनमोहन झा जिलास्तर पर पार्टी के कई पद संभाल चुके हैं। वो हाल ही में सपा छोड़कर ओवैसी की पार्टी के लिए समर्पित हुए हैं। उन्होंने ऐसा क्यों किया है, इसके बारे में टीओआई से उन्होंने कहा है, 'एआईएमआईएम संविधान के प्रावधानों को मानती है। जब बीजेपी अस्तित्व में आई थी तब उसके पास कोई एमएलए और एमपी नहीं थे, आज वह देश में शासन कर रही है। आज मैंने पार्टी ज्वाइन की है कल और लोग भी करेंगे। मुझे इस सीट से जीत का पक्का भरोसा है।'
बिहार के मैथिल ब्राह्मण हैं मनमोहन जा
साहिबादबाद सीट पर ब्राह्मण वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है और इसलिए इस सीट पर अधिकतर दलों ने इस बार इसी जाति के प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। मनमोहन झा अपने बारे में बताते हैं कि 'मैं बिहार का मैथिल ब्राह्मण हूं। साहिबाबाद में हमारे राज्य के 3.22 लाख वोटर हैं। यहां 1.62 लाख मुस्लिम वोटर भी हैं। साहिबाबाद सीट से वे मेरी जीत की गारंटी हैं। मेरी लड़ाई किसी भी पार्टी से नहीं है, बल्कि यह अमीरों और गरीबों के बीच की लड़ाई होगी। सबसे बड़े सीटों में से एक पर मेरे जैसा गरीब उम्मीदवार लड़ेगा और जीतेगा।'
'एआईएमआईए धर्म या जाति पर आधारित दल नहीं है'
ओवैसी की पार्टी के ब्राह्मण चेहरा बने झा का कहना है कि उन्होंने राजनीतिक करियर सपा में वार्ड उपाध्यक्ष से शुरू किया और हफ्ते भर पहले साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के इंचार्ज रहते हुए पार्टी छोड़ी। एआईएमआईए पर मुसलमानों पार्टी का ठप्पा लगे होने के बारे उनका कहना है कि ये धर्म या जाति पर आधारित दल नहीं है, बल्कि यह संविधान के हिसाब से चलने वाली लोकतांत्रिक पार्टी है। उनके नाम से जो फेसबुक अकाउंट है, उसमें अपने बारे में लिखा है, 'समाजवादी विचारधारा का एक युवा नेता जो अपनी आखिरी सांस तक समाज के हित में कार्यरत रहेगा।'
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अखिलेश ने निराश किया तो ओवैसी से मिल गए
पांच साल पहले वो तब चर्चा में आए थे, जब एलिवेटेड रोड के उद्घाटन के दौरान उन्होंने काला झंडा दिखाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध किया था। उनके नाम सपा में रहते ऐसे और भी सियासी मामले जुड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें पक्का यकीन था किअखिलेश साहिबाबाद से उन्हें टिकट जरूर देंगे। लेकिन, जब निराशा हाथ लगी तो सीधे एआईएमआईएम में ही जाने का फैसला कर लिया। (मनमोहन झा की तस्वीर सौजन्य-फेसबुक पेज से)