आखिर कहां गया लखनऊ नगर निगम के 10 हजार सफाई कर्मचारियों के PF का पैसा ?
लखनऊ, 11 अगस्त: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने लखनऊ नगर निगम (LMC) के करीब 10,000 सफाई कर्मचारियों के पीएफ में कथित घोटाले की जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद अब यह साफ हो पाएगा कि कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा आखिर गया कहां। नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि जांच के बाद जो रिपोर्ट सामने आएगी उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ नगर निगम में मिली भगत से हुई गड़बड़ी
जानकारी के मुताबिक 30 निजी जनशक्ति आपूर्ति एजेंसियों ने लगभग 10,000 सफाई कर्मचारियों को नगर निगम में भेजा था। उन्होंने एलएमसी से इन कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में पैसा जमा करने के लिए पैसे लिए, लेकिन ऐसा नहीं किया। दरअसल, कुछ एजेंसियों ने सफाई कर्मियों के ईपीएफ खाते तक नहीं खोले थे। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने मामले की सूचना ईपीएफओ को दी थी।
EPFO के अधिकारी कर रहे हैं जांच
ईपीएफओ अधिकारियों ने पहले नगर निकाय से सभी संबंधित दस्तावेज मांगे थे, लेकिन एलएमसी लेखा विभाग जरूरी काम नहीं कर पाया। इसके बाद ईपीएफओ के अधिकारी मंगलवार को ही ये दस्तावेज लेने एलएमसी कार्यालय पहुंचे थे। अधिकारियों ने यहां एजेंसी से संबंधित लोगों से पूछताछ कर अहम दस्तावेज भी एकत्र किए थे। इनकी जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर कहां गड़बड़ी हुई है और किसने की है।
एजेंसियों ने नहीं किया अपने अंश का भुगतान
दरअसल लखनऊ नगर निगम में काम करने वाले 10,000 सफाई कर्मचारियों को प्रतिदिन ₹308.18 का मानदेय मिलता है। एलएमसी ऐसे प्रत्येक कर्मचारी के लिए ईपीएफ के रूप में अतिरिक्त 13% और ईएसआई के रूप में 3.25% का भुगतान करता है। कुल मिलाकर, एलएमसी एजेंसियों को 16.25% अतिरिक्त राशि का भुगतान करती है। इसका मतलब है कि ₹1502.31 प्रति कर्मचारी प्रति माह इन एजेंसियों को भुगतान किया जाता है।
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
नगर निगम के सूत्रों ने बताया कि निजी एजेंसियों को भी हर महीने ईपीएफ के रूप में 12% और ईएसआई के रूप में 0.75% जोड़ना पड़ता है। लेकिन इन एजेंसियों द्वारा किसी भी कर्मचारी के खाते में यह राशि जमा नहीं की गई। अधिकारियों ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि निजी एजेंसियों ने लगभग 32 करोड़ कर्मचारियों को जमा नहीं किया था, जो आदर्श रूप से उनके ईपीएफ खातों में होना चाहिए था।
अतिरिक्त नगर आयुक्त अभय पांडे ने कहा, "जांच जारी है और कर्मचारियों को धोखा देने के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों से पैसे की वसूली की जाएगी।
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