काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर खुलने के बाद क्या सोचते हैं वाराणसी के मुसलमान ? जानिए
वाराणसी, 15 दिसंबर: बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के बिल्कुल पास में ज्ञानव्यापी मस्जिद भी है। हर त्योहार पर इसी वजह से इलाके की सुरक्षा कड़ी कर दी जाती है, ताकि किसी तरह से कोई असामाजिक तत्व सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश ना कर सके। जब सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर विकसित करने का फैसला किया था तो स्थानीय मुसलमानों में मस्जिद की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं पैदा होने लगीं। उन्हें लगा कि पता नहीं कि इससे ज्ञानव्यापी मस्जिद में नमाज के लिए जाने वाले मुसलमानों के सामने क्या दिक्कतें पैदा होंगी। लेकिन, जब पीएम मोदी ने ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को लोकार्पित कर दिया है, तब वहां पर रहने वाले मुसलमान ना सिर्फ निश्चिंत हैं, बल्कि वो भी उतने ही खुश हैं, जितने कि हिंदू श्रद्धालु।
'ज्ञानव्यापी मस्जिद की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त'
जब वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर काम की शुरुआत हो रही थी तो स्थानीय मुसलमानों के एक वर्ग में पास ही मौजूद ज्ञानिव्यापी मस्जिद की सुरक्षा को लेकर एक चिंता सी बन गई थी। लेकिन, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के भव्य लोकार्पण के साथ ही यह चिंता पूरी तरह से गायब होती नजर आ रही है। जिस समय काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में उद्घाटन समारोह की प्रक्रिया चल रही थी, स्थानीय मुसलमान पड़ोस की ज्ञानव्यापी मस्जिद में शांतिपूर्ण माहौल में नमाज पढ़ रहे थे। इस मस्जिद की प्रशासनिक देखभाल करने वाली अंजुमन इंतजामिया के एसएम यासीन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा है, 'यह सही है कि काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण की शुरुआत में हमारे अंदर ज्ञानव्यापी मस्जिद की सुरक्षा को लेकर थोड़ी आशंकाएं थीं। लेकिन, अब सारा शक दूर हो चुका है.....अब कोई आशंका नहीं है और मस्जिद की सुरक्षा को लेकर हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं। '
'काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण से मुसलमान भी उतने ही खुश'
जब कॉरिडोर का निर्माण शुरू नहीं हुआ था, तब यासीन ने मीडिया के सामने मस्जिद की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए बयान दिया था। अब उनका कहना है, 'उस समय की परिस्थिति बिल्कुल अलग थी, क्योंकि प्रोजेक्ट के बारे में हमारे पास साफ तस्वीर नहीं थी। लेकिन परियोजना के पारदर्शी तरीके से प्रगति के साथ हमारी शंकाएं दूर होने लगीं।' उन्होंने बताया कि पहले तंग गलियों की वजह से श्रद्धालुओं को कैसे घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता था। अब ऐसी समस्या नहीं होगी। वो बोले, 'हम तहे दिल से काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण का स्वागत करते हैं क्योंकि सबसे अच्छा ये हुआ है कि दोनों हिंदुओं और मुसलमानों को सुविधा हुई है।' उनका कहना है कि काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण से मुसलमान भी उतने ही खुश हैं। उनके मुताबिक, 'मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए टाइम फिक्स है। हमें उस वक्त बहुत बुरा लगता था जब मंदिर जाने वाले भक्तों को रोक दिया जाता था और मुसलमानों को मस्जिद में जाने की इजाजत दी जाती थी, क्योंकि वहां एकमात्र रास्ता ही मौजूद था। ऐसी स्थिति में लाइन में घंटों लगे श्रद्धालुओं की आत्मा को जरूर दुख होता होगा। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा।'
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'जमीन विवाद कोई बड़ा मसला नहीं'
जहां तक ज्ञानव्यापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच जमीन विवाद का सवाल है तो यासीन का कहना है कि यह कोई बहुत बड़ा मसला नहीं है और समाज में ऐसी चीजें होती हैं। उनकी दलील है कि 'मामला अदालत में है और हम केस लड़ रहे हैं। लेकिन, इसका मतलब नहीं है कि इसकी वजह से काशी में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ जाएगा।' गौरतलब है कि यह विवाद भी काफी पुराना है और लंबे समय से कोर्ट में मुकदमेबाजी चल रही है। पीएम मोदी की ओर से लोकार्पण के बाद कॉरिडोर के द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं और अब वे सीधे गंगा में डुबकी लगाकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर सकते हैं।