लखनऊ शूटआउट: आरोपी प्रशांत के बचाव में आया थाने का स्टाफ कहा, शस्त्र हमें आत्मरक्षा के लिए दिया जाता है
लखनऊ। एक तरफ जहां लखनऊ में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड से पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार तक हड़कंप मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर सेल्फ डिफेंस में गोली चलाने वाले आरोपी सिपाही प्रशांत के पक्ष में गोमतीनगर थाने के सभी सिपाही आ गए हैं। इस पूरे मामले पर यूपी में राजनीतिक भूचाल आ गया है। विवेक तिवारी का लखनऊ के बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन ने विवेक के परिवार से मुलाकात करने पहुंचे हैं।
इस घटना के बाद आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की तहरीर पर गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज न किए जाने से सिपाहियों में काफी गुस्सा और आक्रोश देखने को मिल रहा है। थाने में तैनात एक सिपाही ने बताया कि इस घटना के बाद हमारे साथी सिपाही के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, लेकिन कॉन्स्टेबलों की तरफ से कोई मुकदमा नहीं लिखा गया है कि उन पर भी हत्या का प्रयास हुआ था। इससे थाने के सभी सिपाहियों का मन दुखी है और हमारा मनोबल भी काफी गिरा हुआ है। गौरतलब है कि आरोपी की पत्नी राखी मालिक भी गोमतीनगर थाने में ही तैनात है।इसके साथ ही सिपाही ने कहा कि 'जो शस्त्र हमें आत्मरक्षा के लिए दिया जाता है या जनता की सुरक्षा के लिए दिया जाता है, जिसे हम आवश्यकता पड़ने पर चला ही नहीं सकते, जिसे हमने नौकरी ज्वाइन करने से पहले सुना था, जो सच साबित होते देख रहा हूं।'
सिपाही ने इंसाफ की मांग पर कहा कि 'हम तो अपने साथी को देखकर रो भी नहीं सकते, इंसाफ मांगने की बात तो दूर है।' ऐसे में यह भी बड़ा सवाल उठता है कि आरोपी सिपाही की तहरीर पर मुकदमा क्यों नहीं लिखा जा रहा है, जबकि सभी को अपना पक्ष रखने का समान अधिकार है...?
गौरतलब है कि लखनऊ के गोमती नगर में शनिवार को 1.30 पर मकदूमपुर पुलिस चौकी के पास दो सिपाहियों ने एसयूवी में सवार विवेक तिवारी को गोली मार दी। वहीं सिर पर गोली लगने से विवेक की मौके पर ही मौत हो गई।
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