भाजपा विधायक बोले, हिन्दू धर्म के लिए जान देने वाली पद्मावती पर फिल्म रिलीज हुई तो अच्छा नहीं होगा
भाजपा विधायक बोले, सनातन हिन्दू धर्म के लिए जान देने वाली पद्मावती पर फिल्म रिलीज हुई तो अच्छा नहीं होगा
बस्ती। संजय लीला भंसाली की निर्देशित फिल्म पद्मावती विवादों से बाहर नहीं निकल पा रही है। देश के तमाम राज्यों में इस फिल्म का विरोध हो रहा है। फिल्म के विरोध में कहा यह जा रहा है कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ हो रही है। हालांकि भंसाली ने इस पूरे विवाद पर अपनी सफाई दे दी है तब भी मामला थम नहीं रहा है। इस फिल्म का ताजा विरोध उत्तर प्रदेश के बस्ती स्थित हर्रैया से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अजय सिंह ने किया है। सिंह एक वीडियो में कह रहे हैं कि अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो इससे भावनाएं आहत होंगी।
अजय सिंह ने कहा 'पिछले कुछ दिनों से आप देख रहे होंगे कि महारानी पद्मावती पर एक फिल्म मुंबई के प्रोड्यूसरों द्वारा बनाई जा रही है जो पूरे प्रदेश और देश की मीडिया के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।' सिंह वीडियो में कह रहे हैं कि 'मेरे अध्ययन के उपरांत और बहुत सारे इतिहासकारों से समझने के बाद मैं निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि महारानी पद्मावती भारतीय समाज की एक आदर्श महिला थीं। उन्होंने देश की आन बान और रक्षा के लिए, देश की सतित्व की रक्षा के लिए, सनातन हिन्दू की परंपरा की रक्षा के लिए, उन्होंने हजारों महिलाओं के साथ जौहर कर दिया था।' उन्होंने वीडियो में कहा है कि 'मुंबई के कुछ फिल्म प्रोड्यूसरों द्वारा पैसा कमाने के लिए इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। महारानी पद्मावती जो कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया की नारियों के लिए आदर्श हैं, उनके चरित्र को लेकर के एक गलत रूप में फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।'
सिंह ने कहा कि 'मैं आदरणीय पीएम नरेंद्र मोदी, प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ से आग्रह करता हूं कि ऐसी फिल्म पर बैन लगाना चाहिए जो देश की 125 करोड़ आबादी की भावनाओं को आहत कर रही है।' उन्होंने कहा कि अगर यह फिल्म प्रदर्शित होती है तो इससे भावनाएं आहत होंगी। इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा। मेरा अनुरोध है कि इसका विरोध किया जाए, जिससे फिल्म प्रदर्शित ना हो।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने संजय लीला भंसाली के निर्देशन वाली पद्मावती फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। शुक्रवार (10 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड ने अभी तक पद्मावती को सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है, यह एक स्वतंत्र निकाय है और इसलिए सुप्रीम कोर्ट को उनके अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। बता दें कि यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है। झुंझनू, जयपुर, जोधपुर समेत कई इलाकों में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. मेवाड़, जयपुर समेत राजस्थान के पांच से ज्यादा पूर्व राजघराने फिल्म का विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि ज्यादातर इतिहासकार पद्मावती को महज एक काल्पनिक किरदार मानते हैं और पद्मवती नाम की रानी का इतिहास में साक्ष्य होने से इंकार करते हैं।
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