पहले चरण के मतदान में भाजपा के बूथों पर दिखी सबसे अधिक भीड़
जहां एक ओर भाजपा के बूथों पर लोगों का पूरे दिन तांता लगा रहा, वहीं बाकी दलों के बूथ इसकी तुलना में खाली ही नज़र आये।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। राजनीतिक दलों ने जनता को लुभाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 7 चरणों में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में पहले चरण के मतदान कल संपन्न हुआ।
भारी संख्या में लोगों ने मतदान किया
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 73 सीटों पर भारी संख्या में लोगों ने मतदान किया, जहां एक ओर भाजपा के बूथों पर लोगों का पूरे दिन तांता लगा रहा, वहीं बाकी दलों के बूथ इसकी तुलना में खाली ही नज़र आये। इसके साथ ही पिछले कुछ महीनों से यूपी में उसकी सरकार बनेगी इसको लेकर जो असमंजस की स्थिति बनी हुई थी अब वह कुछ हद तक साफ़ होती हुई नज़र आ रही है।
अधिकांश सीटें भाजपा के खाते में
गौरतलब है कि पहले चरण का मतदान काफी दिलचस्प है और ये आने वाले चरणों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। यहां मुकाबला 2 या 3 पार्टियों के बीच न होकर 4 पार्टियों, क्रमश: भाजपा, बसपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन और रालोद के बीच है।
भाजपा के बूथों पर लंबी कतारे
जाहिर है जो पार्टी यहां बढ़त बनाती है, सरकार बनाने की उसकी दावेदारी को काफी बल मिलेगा। अगर पोलिंग बूथ के बाहर लगे पाटी के बूथों पर आने वाली भीड़ से अनुमान लगाया जाये कि यह कहना गलत नहीं होगा अधिकांश सीटें भाजपा के खाते में गिरने वाली हैं। एक तरफ जहां भाजपा के बूथों पर लंबी कतारे देखी गईं। वहीं दूसरी पार्टी के खेमे काफी हद तक खाली दिखाई दिए।
सपा, बसपा जैसी पार्टियां सकते में
जनता द्वारा भाजपा को दिए जा रहे इस समर्थन को देख सपा, बसपा जैसी पार्टियां सकते में आ गई हैं। पोलिंग बूथ के बाहर के दृश्यों ने 2014 के नतीजों की यादें एक बार फिर से इन दलों के जहन में ताजा कर दी है।
भाजपा का आत्मविश्वास चरम पर
इस समर्थन में जहां भाजपा का आत्मविश्वास चरम पर है वहीं दूसरी ओर बाकि दलों को अब जीत की राह काफी मुश्किल लगने लगी है। अब देखना ये होगा कि क्या भाजपा इस धमाकेदार शुरूआत को आगे भी बनाकर रख पाती है और दूसरे दलों की रणनीति क्या होगी। [क्या वाकई में दिख रहा है यूपी में नमो लहर का असर?]