आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में अखिलेश की मुश्किलें बढ़ाएंगे चाचा शिवपाल !
लखनऊ, 18 जून: उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब सपा के चीफ अखिलेश यादव हर हाल में रामपुर और आजमगढ़ का लोकसभा उपचुनाव जीतना चाहते हैं। रामपुर में जहां उन्होंने आजम खां के करीबी पर दांव लगाया है वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ में उन्होंने परिवार के सदस्य और चचेरे भाई धर्मेद्र यादव पर दांव खेला है। हालांकि इन सबके बीच उनके चाचा शिवपाल यादव आजमगढ़ में सपा के खिलाफ प्रचार करने का मूड बना रहे हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के सूत्रों की माने तो शिवपाल जल्द ही आजमगढ़ में सपा के खिलाफ प्रचार करते नजर आ सकते हैं।
क्या भतीजे अखिलेश को पटकनी देना चाहते हैं शिवपाल
विधानसभा चुनाव में अपने भतीजे के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके चाचा शिवपाल घायल शेर की तरह हो गए हैं। वह समाजवादी पार्टी को हराने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। PSP के सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव ने जिस तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल को केवल एक सीट देकर अपमानित करने का काम किया था उससे शिवपाल काफी आहत थे। अब शिवपाल को लग रहा है लोकसभा के उपचुनाव में अखिलेश को सबक सिखाने का समय आ गया है। शिवपाल चूंकि जमीनी नेता माने जाते हैं और संगठन में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है इसलिए वो आजमगढ़ के रण में सपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आजम खां को साधने में असफल हो गए थे शिवपाल
अखिलेश यादव को सबक सिखाने के लिए ही शिवपाल ने आजम खां को साधने का प्रयास किया था लेकिन उनक दाल नहीं गली। शिवपाल ने जेल में जाकर आजम से मुलाकात की थी और कहा था कि यदि नेताजी मुलायम सिंह यादव चाहते तो आजम को जेल से बाहर निकाल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आजम के दिल में जगह बनाने में जुटे शिवपाल को उस समय नाकामी मिली जब कपिल सिब्बल ने अपनी रणनीति के तहत अखिलेश को दिल्ली के अस्पताल में आजम से मिलवा दिया जहां दोनों नेताओं के गिले शिकवे दूर हो गये और आजम ने शिवपाल यादव को गच्चा देकर अखिलेश्श यादव का साथ पकड़ लिया। राज्यसभा और एमएलसी के चुनाव में भी आजम ने अखिलेश को साध लिया।
पिछले लोकसभा चुनाव में भी सपा के लिए मुसीबत बने थे शिवपाल
अगर पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 की बात करें तो शिवपाल ने सपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। तब शिवपाल ने सपा को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। यहां तक की सपा के वरिष्ठ नेता प्रो रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव के खिलाफ वह फिरोजाबाद में चुनाव लड़े। शिवपाल यादव तो नहीं जीते लेकिन उन्होंने रामगोपाल के बेटे का खेल बिगाड़ दिया था। इसके अलावा कई अन्य सीटों पर शिवपाल की नाराजगी का नुकसान समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ा था। इस चुनाव में शिवपाल यादव को करीब 90 हजार वोट मिले थे जिसकी वजह से अक्षय यादव को हारना पड़ा था। अब उसी तर्ज पर शिवपाल आजमगढ़ में अखिलेश को सबक सिखाना चाहते हैं।
आजमगढ़ में उतरे शिवपाल तो अखिलेश को होगी मुश्किल
आजमगढ़ का रण अखिलेश के लिए काफी मायने रखता है। सैफई परिवार के कब्जे में आयी इस सीट को अखिलेश किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहते। एक तरफ जहां बसपा और बीजेपी ने अखिलेश की मुसबीतों में इजाफा किया है वहीं दूसरी ओर वह अपने चाचा शिवपाल की चालों से भी घिरते नजर आ रहे हैं। शिवपाल की पार्टी की सूत्रों की माने तो एक दो दिन के भीतर शिवपाल यादव आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के खिलाफ प्रचार करते नजर आ सकते हैं। हालांकि आजमगढ़ में शिवपाल कितना करिश्मा कर पाएंगे और सपा को कितना नुकसान पहुंचा पाएंगे यह देखने वाली बात होगी।