मायावती का बड़ा एक्शन, दो दिग्गज नेता बसपा से निष्कासित
इलाहाबाद। बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों लगातार पार्टी के कद्दावार नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा रही है। यह मायवती की कौन सी रणनीति है यह तो अभी तक उनके पार्टी के लोग भी नहीं समझ पाए है। लेकिन दबी जुबान में कहा जा रहा है की या तो मायावती आस्तीन के सांप को कुचल रही है, या पार्टी को खत्म कर रही है। क्योकि पार्टी में अब ऐसे नामों और चेहरों की साफ कमी दिखेगी जो अपने दम पर भीड़ और वोट बटोर लेते थे। फिलहाल इस कड़ी में अब दो और बड़े नाम शामिल हो गए है। इलाहाबाद से ४ बार जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं केशरी देवी पटेल और करछना विधानसभा सीट जीतकर बसपा की झोली में डालने वाले दीपक पटेल को मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह निष्कासन इस समय इसलिए भी अधिक प्रभावशाली है। क्योंकि बहुजन समाज पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज को पार्टी से बहार का रास्ता दिखने के बाद इलाहाबाद में बची खुची ताकत के नाम पर यही दो कद्दावार नेता नजर आ रहे थे। लेकिन अब बसपा की यह ताकत भी इलाहाबाद से खत्म हुई।
कई बड़े नामों को पार्टी से निकाला जा चुका है
बसपा के जिलाध्यक्ष अवधेश कुमार गौतम ने बताया की पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर दोनों नेताओ को पार्टी से बहार निकला जा रहा है। याद दिला दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य, विक्रमजीत मौर्य, इंद्रजीत सरोज से लेकर बड़े नामों की एक लम्बी फेहरिस्त है जिन्हें बसपा से बाहर किया गया है। इलाहाबाद में तो इंद्रजीत सरोज को निकले जाने के बाद सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ताओं से लेकर पूर्व विधायक और कद्दावर नेताओं ने खुद ही पार्टी को बाय बाय कर दिया था। अब देखना यह दिलचस्प होगा की आखिर बसपा सुप्रीमो के कदम कहा रुकेंगे।
अनुशासनहीनता का आरोप
वैसे एक दिलचस्प बात यह है की केशरी देवी पटेल, विधायक रहे दीपक पटेल की मां है। दीपक को राजनिती में लेन के लिए केशरी देवी ने अपने रसूख का इस्तेमाल किया था और टिकट भी दिलाया था। यह परिवार पिछले 13 वर्षों से बसपा में था और स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में इनकी मजबूत पैठ थी। फिलहाल बसपा की और से कहा यह जा रहा है की मां बेटे लगातार भाजपा के संपर्क में है और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। जिसके चलते इन्हें बाहर किया जा रहा है।
फिर धन उगाही का आरोप
एक बात बड़ी मजेदार है बसपा सुप्रीमो मायावती जितने लोगों को पार्टी से बहार निकालती है। उनके बात एक चीज बड़ी कॉमन होती है। सभी मायावती पर एक जैसा आरोप लगते है। यानी कि धन उगाही का दबाव। इस बार भी यही हुआ है। केशरी देवी और दीपक ने बसपा सुप्रीमो पर धन उगाही का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशरी देवी का कहना है कि बसपा अध्यक्ष मायावती को सिर्फ रुपये चाहिए। चुनाव बाद से ही धन उगाही जारी है, रकम न देने पर पार्टी से लोगों को निकाला जा रहा है। जबकि पूर्व विधायक दीपक पटेल ने कहा मायावती द्वारा बीस-बीस लाख रुपये देने की मांग ऐसे की जाती है जैसे किसी ने छापाखाना लगा रखा है। रुपये न देने पर बसपा से निकाला गया है।