थाने में दो सगे भाइयों को पुलिस ने बेहोश होने तक पीटा, तीन सस्पेंड
शाहजहांपुर। एक बार फिर यूपी पुलिस का बेरहम चेहरा सामने आया है जहां पुलिस ने दो सगे भाइयों को थाने बुलाकर जमकर पिटाई कर दी। आरोप है कि पुलिस ने कमरे में ले जाकर तब तक पीटते रहे जब तक दोनों भाई बेहोश नहीं हो गए। उसके बाद बेहोशी की हालत में दोनों भाइयों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज किया जा रहा है। मामला ड्राइवर और मालिक के बीच सैलरी के लेनदेन का बताया जा रहा है। आरोप है कि मालिक ने ड्राइवर की पिछले 6 माह से सैलरी नहीं दी थी जिसकी वजह से ड्राइवर ने गाड़ी अपने घर खड़ी कर ली थी। वहीं सीओ पुलिसकर्मियों पर लगे पिटाई के आरोपों से इनकार कर रही है।
पैसे के लेन-देने का विवाद
मामला सामने आने पर एसपी केबी सिंह के आदेश पर तीन सिपाही निलंबित किए गए। एएसपी ग्रामीण सुभाष शाक्य ने बताया कि थाने में ड्राइवर और मालिक के बीच पैसे के लेनदेन का विवाद हुआ था जिसके बाद थाने मे ड्राइवर और उसके भाई की पिटाई की गई थी। जांच में पता चला है कि पुलिस के खिलाफ पिटाई का आरोप सही पाया गया है। एसपी केबी सिंह के आदेश पर आरोपी सिपाही मनोज धामा, सिपाही मनोज, और राजेश को निलंबित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है और साथ ही पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
दरअसल बेरहमी से पुलिस की पिटाई का मामला थाना बंडा का है। ग्राम कुंडरा निवासी रामदार का 22 साल का बेटा सुखबीर ड्राइवर है। घायल सुखबीर ने बताया कि वह ग्रेटर नोयडा के जिला गौतमबुद्धनगर के रहने वाले जोगेंदर भाटी की डीसीएम चलाता है। आरोप है कि उसके मालिक ने उसकी पिछले 6 माह से सैलरी नहीं दी है। उसकी सैलरी दस हजार रुपये का एक महीना की तय हुई थी। जब वह मालिक से सैलरी मांगता तो वह गंदी गंदी गालियाँ देता। चार दिन पहले उसने फिर मालिक से पैसे मांगे तो मालिक ने उसके दो-हाथ मार दिए। घायल ड्राइवर ने बताया कि दो दिन पहले वह डीसीएम में पाइप भर लाया तो वह सीतापुर में उतारकर खाली डीसीएम अपने घर खड़ी कर ली। उसने अपने मालिक को फोन किया कि वह उसका 6 महीने का बकाया 60 हजार रुपये दे, तब वह गाड़ी लेकर आएगा। आरोप है कि उसका मालिक पैसे वाला है। वह बुधवार की शाम बंडा थाने पहुंचा और पुलिस को पैसा दे दिया। उसको थाने में बुलवा लिया। उसके साथ उसका भाई भी गया था।
बॉलीवुड एक्टर के भाई हैं प्रधान
आरोप है कि जब वह थाने पहुंचा तो पुलिस के साथ उसका मालिक बैठा था। उसके थाने पहुंचते ही मालिक और पुलिस वाले उसको गालियां देने लगे। उसकी कोई भी पुलिसकर्मी सुनने को राजी नही था। आरोप है कि थाने का एक दरोगा और और तीन सिपाही उसको गालियां दे रहे थे। जबकि उसके गांव का प्रधान बालीवुड एक्टर राजपाल यादव के भाई थाने मे ही बैठे थे लेकिन उसको किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की। पहले तो थाने के बाहर उसको मालिक और पुलिसकर्मी मिलकर पीटते रहे उसके बाद पुलिसकर्मी दोनों भाईयों को कमरे के अंदर ले गए जहां उसकी जमकर पिटाई की जिससे दोनों भाई बेहोश हो गए। सूचना के बाद थाने पहुंचे घायलों के परिजनों ने दोनों भाईयों को बेहोशी की हालत मे जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां दोनो की हालत बनी हुई है।
प्रधान ने क्यों नहीं बचााया?
वहीं जब इस मामले पर गांव के प्रधान बॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव के भाई से बात की तो उनका कहना था कि वह थाने मे एक पंचायत निपटा रहे थे। तभी ये दोनों सगे भाई उनके गांव के थाने पहुचे और पुलिसकर्मियों से बात करने लगे। उसका मालिक से पैसे के लेनदेन का विवाद चल रहा था। तभी वह थाने में ही मारपीट होने लगी। लेकिन उन्होंने ये नही देखा कि उसको पुलिस कर्मी पीट रहे थे या नहीं। जब हमने उनसे पूछा कि जब आपके गांव के दो भाइयों को थाने मे पीटा जा रहा था तब आपने उन्हें बचाया क्यों नही। इस पर उनका कहना था कि हम पंचायत निपटा रहा थे। इसलिए वह देख नही पाए कौन किसको पीट रहा है लेकिन दोनों भाइयों को बहुत ही बेरहमी से पीटा गया। ऐसे में सवाल प्रधान राजेश यादव पर भी उठ रहे हैं जब उन्होंने अपने गांव के दो युवको को पिटते देखा तो उन्होंने बचाने की कोशिश क्यों नही की और जब उनसे इसके बारे मे वर्जन लिया तो खुलकर पिटाई का कुछ बता नहीं रहे थे।
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