उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

जानिए, किस विधानसभा सीट ने यूपी को दिया था पहला मुख्यमंत्री

बरेली जिले को प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री देने का गौरव प्राप्त है। वर्ष 1951 के चुनाव में बरेली विधानसभा सीट जीतकर पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

By Anujkumar Maurya
Google Oneindia News

बरेली। उत्तर प्रदेश का बरेली जिला हर मामले में खूबसूरत है। यहां का सुरमा और झुमका बरेली शहर को एक पहचान देता है। वहीं राजनैतिक लिहाज से भी बरेली महत्वपूर्ण है। बरेली जिले को प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री देने का गौरव प्राप्त है। वर्ष 1951 के चुनाव में बरेली विधानसभा सीट जीतकर पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

ये है बरेली का इतिहास

ये है बरेली का इतिहास

यहां के इतिहास पर नजर डाले तो यहां पर 1951 से लेकर 1969 तक कांग्रेस का कब्जा रहा। 1951 में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त ने शहर सीट से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद 1957, 1962 और 1967 तक कांग्रेस के जगदीश सरन अग्रवाल का इस शीट पर कब्जा रहा। 1969 में बी के डी से राम सिह खन्ना ने जीत हासिल की। 1974 में बीजेपी के डॉ. दिनेश जौहरी शहर शीट पर अपना कब्जा जमाया। लेकिन 1977 के चुनाव में जेएनपी के सत्य प्रकाश ने डॉ. दिनेश जौहरी को हराकर अपना कब्जा जमाया। लेकिन 1980 में राम सिंह खन्ना ने जीत हासिल की।

एक बार फिर से डॉ. दिनेश जौहरी ने 1985 के विधानसभा चुनाव में अपना कब्जा जमा लिया। डॉ. दिनेश जौहरी 1989, 1991 में भी विधायक चुने गए। उसके बाद बीजेपी से ही राजेश अग्रवाल 1993 के चुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की। राजेश अग्रवाल ने 1996, 2002, 2007 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की। इसके बाद परिसीमन बदलने के चलते राजेश अग्रवाल ने कैंट विधानसभा से चुनाव लड़े और शहर शीट से बीजेपी से डॉ. अरुण कुमार ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। आजादी के बाद से 5 बार शहर विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा रहा, जबकि सबसे अधिक 9 बार बीजेपी के विधायकों का इस सीट पर कब्जा रहा।
ये भी पढ़ें- वाराणसी: रोहनिया सीट पर भाजपा और अपना दल की अनुप्रिया में ठनी, ये है वजह

किस सीट पर कौन रहा विधायक

किस सीट पर कौन रहा विधायक

1951-1957 - पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त - कांग्रेस - यूपी के सीएम बने
1957-1962- जगदीश शरन अग्रवाल - कांग्रेस
1962-1967- जगदीश शरन अग्रवाल - कांग्रेस
1967-1969- जगदीश शरन अग्रवाल - कांग्रेस
1969- 1974- राम सिंह खन्ना - बीकेडी
1974-1977- डॉ. दिनेश जौहरी - बीजेपी
1977-1980- सत्य प्रकाश - JNP
1980-1985- राम सिंह खन्ना - कांग्रेस
1985-1989- डॉ. दिनेश जौहरी - बीजेपी
1989-1991- डॉ. दिनेश जौहरी - बीजेपी
1991-1993- डॉ. दिनेश जौहरी - बीजेपी
1993-1996- राजेश अग्रवाल - बीजेपी
1996-2002- राजेश अग्रवाल - बीजेपी
2002- 2007- राजेश अग्रवाल - बीजेपी
2007- 2012- राजेश अग्रवाल - बीजेपी
2012- डॉ. अरुण कुमार - बीजेपी

ये है जातिगत समीकरण

ये है जातिगत समीकरण

जातिगत समीकरण पर भी नजर डाल लेते हैं। बरेली शहर विधानसभा में तीन लाख 50 हजार मतदाता हैं जिसमें 1 लाख 50 हजार महिला मतदाता हैं।

ब्राह्मण - 12 -13 हजार
वैश्य - 12 -13 हजार
कायष्ठ - 28 -30 हजार
कुर्मी - 15 हजार
पंजाबी - 12 हजार
लोधी -10 -12 हजार
कश्यप - 10 -12 हजार
मौर्या - 15 हजार
बाल्मीकि - 12 -13 हजार
जाटव - 10 हजार
मुश्लिम - 1 लाख 20 हजार
ठाकुर - 5 हजार
क्रश्चियन - 5 हजार
कोरी, धोबी - 5 हजार
ये भी पढ़ें- सहारनपुर: यूपी की नंबर 3 विधानसभा पर लगी है सपा, भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर, क्या है खास

बरेली विधानसभा की मुख्य समस्या

बरेली विधानसभा की मुख्य समस्या

बरेली शहर में अगर समस्याओं की बात की जाए तो यहां पर समस्याओं का अम्बार है। सीवर, बिजली, पानी, सड़क, बेरोजगारी, महिलाओं की सुरक्षा , जाम, गन्दगी और जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर। 1989 से लेकर आज तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। जनता यहां जाति और धर्म के आधार पर ही वोट देती है।

बरेली विधानसभा के लोग क्या कहते हैं?
बरेली विधानसभा के दर्जी चौक में स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले पंकज कुमार रस्तोगी कहते हैं कि वह वोट केवल मन की संतुष्टि के लिए देते हैं। उनकी पहली पसंद भाजपा ही होती है। वहीं दर्जी चौक के व्यापारी अजय अग्रवाल कहते हैं कि वह विकास के साथ चहेरे को आधार मानकर वोट देते हैं। इस फ्रेम में केवल भाजपा फिट बैठती है। साथ ही वह यह भी मानते हैं कि भाजपा के विधायकों ने इस क्षेत्र के लिए कुछ खास नहीं किया है। मुस्लिम वर्ग से जुड़े व्यापारी अब्दुल अजीज कहते हैं कि इस सीट पर विकास बहुत पीछे छूट जाता है। यहां पर जनता केवल धर्म और चेहरे को देखकर अपना मत देती है एक अन्य व्यापारी नावेद शम्सी कहते हैं कि वह उसी को मत देते हैं जो व्यापारी के साथ होता है। उनके लिए पार्टी, धर्म अहम नहीं, बल्कि व्यक्ति अहम होता है।

Comments
English summary
this seat has given first chief minister to uttar pradesh
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X