VIDEO: किन्नरों ने खोया अपना गुरु तो अस्पताल का हो गया हाय-हाय
2 दिन पहले दिनदहाड़े स्कूटी सवार बदमाशों ने पूर्व पार्षद हाजी फाको को उसके घर में घुसकर गोलियां मारी थी। हाजी फाको इस इलाके में किन्नरों का गुरु था।
मेरठ। दो दिन पहले बदमाशों की गोली का शिकार बने मेरठ के पूर्व पार्षद किन्नर हाजी फाको की इलाज के दौरान मौत हो गई। फाको की मौत के बाद किन्नरों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की और बवाल काटा। निजी अस्पताल में एक घंटे तक तोड़फोड़ होती रही और वहां मौजूद पुलिस किन्नरों के सामने हाथ बांधकर तमाशबीन बनी रही। किन्नर गुटों में इलाके पर कब्जे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था।
देखिए VIDEO...
मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके में 2 दिन पहले दिनदहाड़े स्कूटी सवार बदमाशों ने पूर्व पार्षद हाजी फाको को उसके घर में घुसकर गोलियां मारी थी। हाजी फाको इस इलाके में किन्नरों का गुरु था। पुलिस की तफ्तीश में वारदात की वजह इलाके पर किन्नरों के कब्जे को लेकर चल रही रंजिश थी जिसके चलते दो गुटों में लंबे समय से विवाद था। इस विवाद में पहले एक हत्या हो चुकी थी। वहीं एक निजी अस्पताल में भर्ती हाजी फाको की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद उसके समर्थक के नगर में जमकर बवाल किया। मेरठ के आनंद हॉस्पिटल में घुसे किन्नरों ने वहां मौजूद कीमती सामान, कुर्सी, मेज तक तोड़ डाला और मरीजों के तीमारदारों की भी जमकर पिटाई की। किन्नरों के इस आतंक के सामने वहां मौजूद पुलिस वाले हाथ बांधे खड़े रहे और कानून व्यवस्था का मजाक उड़ता रहा।
करीब 2 घंटे तक चले बवाल के बाद किन्नर खुद-ब-खुद शांत हुए। उनका आरोप था कि अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से हाजी फाको की जान चली गई। किन्नरों की माने तो हाजी के सिर में एक गोली फंसी हुई थी। जिसके ऑपरेशन के लिए डॉक्टर इंतजार ही करते रहे। आरोप पुलिस के ऊपर भी है कि किन्नर कहते हैं पुलिस ने बीते 2 दिनों में हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किए। किन्नरों के दो गुटों के झगड़े का हवाला देकर मामले को ठंडा करने में जुटे रहे। दरअसल पुलिस की लापरवाही ही अस्पताल में किन्नरों के बवाल की वजह बनी है। पुलिस की लापरवाही का खामियाजा अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और मरीजों के तीमारदारों को भुगतना पड़ा है।
मौके पर पहुंची पुलिस के अधिकारियों ने हाजी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है और अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हासिल करके अस्पताल में बवाल करने वाले किन्नरों की पहचान कर रही है। पुलिस का कहना है कि बेवजह मरीज के तीमारदारों को पीटने और अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन हैरत की बात ये रही कि बबाल करने वाले किन्नरों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार क्यों नहीं किया?
{promotion-urls}