ट्विन टॉवरों के ध्वस्तीकरण के बाद नई टाउनशिप नीति का मसौदा तैयार करने में जुटी UP सरकार
लखनऊ, 09 सितंबर: उत्तर प्रदेश के नोएडा में ट्विन टॉवरों को ध्वस्त किए जाने के बाद अब यूपी सरकार नई टाउनशिप नीति का मसौदा तैयार करने में जुटी हुई है। अधिकारियों की माने तो इस नीति का मुख्य मकसद अचल संपत्ति क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और शहरी विकास कानूनों का अनुपालन ठीक से कराए जाने को लेकर है। माना जा रहा है कि यह नीति सितंबर के अंत तक तैयार हो जाएगी ताकि जनवरी 2023 में मेगा यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
राज्य सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। अधिकारियों की माने तो हाल के वर्षों में यूपी ने टाउनशिप और एकीकृत टाउनशिप परियोजनाओं की एक श्रृंखला में लगभग 31,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश हुआ है। हालांकि, राज्य सरकार को लगता है कि सभी हितधारकों - उपभोक्ताओं, डेवलपर्स, निवेशकों, आदि के हित में एक नई टाउनशिप नीति की बेहद जरूरी है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं। प्रस्तावित ग्लोबल इनवेस्टर समिट में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एकीकृत टाउनशिप नीति को और अधिक प्रासंगिक बनाना काफी जरूरी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नई नीति का मसौदा जल्द से जल्द तैयार किया जाए।
दरअसल, नोएडा में रियल्टी प्रमुख 'सुपरटेक' द्वारा बनाए गए ट्विन टावरों को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था। योगी पहले ही अवैध निर्माण की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार नोएडा के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी कर चुके हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि,
"1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, यूपी को शहरीकरण की गति को बढ़ावा देना होगा और इसलिए, हमें निवेश हासिल करने, रोजगार पैदा करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शहरी नियोजन का एक शानदार मॉडल दिखाना होगा।"
यूपी में अब अगले 50 वर्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यूपी में नई टाउनशिप विकसित की जाएगी। विकास प्राधिकरणों के मास्टर प्लान में संबंधित ब्लूप्रिंट के साथ-साथ दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता के लिए वित्तीय प्रबंधन भी शामिल होगा।
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