यूपी: विदेशी मेहमानों को भोजन की व्यवस्था कराने में जुटी वन विभाग की टीम, वक्त से पहले पहुंचे चम्बल
आगरा। यूपी के चंबल में इस बार विदेशी मेहमान वक्त से पहले ही पहुंच चुके हैं। चीन और तिब्बत में बर्फबारी के चलते हर विदेशी मेहमान यूपी के चंबल में आते थे। अब वो सुरक्षित ठिकाने की तलाश में रोजाना नए ठिकाने तलाश रहे हैं और वन विभाग भी इसका इंतजाम करने की कोशिश कर रहा है।आप सोच रहे होंगे की हम किसी मेहमान की बात कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं पक्षियों के बारे में जो विदेशों से हर साल भारत में आते हैं।
बता दे कि मंगोलिया, चीन, कजाकिस्तान और तिब्बत में रहने वाले मेहमान परिन्दे अमूमन सर्दी के सीजन में चम्बल में दस्तक देते है लेकिन इस बार समय से पहले ही चम्बल पहुंच गए हैं। इसके पीछे मंगोलिया आदि इलाकों में हुई बर्फबारी के चलते भोजन की किल्लत को मुख्य कारण बताया जा रहा है। अब चम्बल पर आने के बाद वो सुरक्षित स्थान की तलाश में लगातार ठिकाने बदल रहे है। कुरजां(डेमोसाइल क्रेन) मिट्टी के छोटे दाने, मक्की व ज्वार दाना, हरी पत्तियां और जड़ को भोजन के रूप में लेते हैं। वहां पर बर्फबारी होने की वजह से भोजन की तलाश में इस पक्षी के समूह ने समय से पहले चम्बल का रास्ता देख लिया है।
यहां पर इन दिनों दलहन वाली फसलों मूंग, उरद आदि की फलियां भोजन के रूप में चम्बल के आसपास के खेतों से इन्हें मिल जाती हैं। इसके अलावा यह जलीय पौधो की पत्तियां भी खाते हैं। जीव जन्तु विशेषज्ञ सतेन्द्र शर्मा ने दूरभाष के माध्यम से बताया कि भोजन की तलाश में कुरजां पक्षी का समूह नन्दगवां और हरलालपुरा के बीच में चम्बल नदी के पास दिखा है। पर्याप्त मात्रा में भोजन न मिलने की वजह से यह पक्षी लगातार ठिकाने बदल रहा है। वहां के रेंजर अमित सिसोदिया ने बताया कि कुरजां की दस्तक पर वन विभाग की टीम उसकी लोकेशन को लगातार ट्रेस कर रही है। कुरजां की उम्र 20 से 25 साल तक होती है। जीवन में एक बार ही जोड़ा बनाते हैं। दिन रात उड़ान भरने की क्षमता रखने वाले पक्षी 5 से 8 किमी की ऊंचाई तक उडान भर लेते हैं। समूह में 50 से 1000 तक पक्षी होते हैं।
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