यूपी: अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने ली मासूम की जान, मौत के बाद शव को अस्पताल से निकाला बाहर
शाहजहांपुर। बुखार का प्रकोप इस कदर बच्चों को अपनी चपेट मे ले रहा है कि सही समय पर बच्चों को इलाज ना मिल पाने के कारण बच्चे की जान तक चली जाती है। ऐसा ही मामला यूपी के शाहजहांपुर मे सामने आया। यहां एक बच्ची को बुखार आने पर 6 दिन पहले जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया। डॉक्टर दवा देकर बच्ची को भर्ती तो कर लिया लेकिन उसके बाद 6 दिन बीत गए लेकिन डाक्टरों के पास इतना समय नहीं था कि उस बच्ची को दोबारा देख लेते। अगर परिजन डॉक्टर के पास जाते तो डॉक्टर परिजनों को फटकार कर भगा देते। इलाज न मिल पाने के कारण बच्ची की मौत होते ही अस्पताल प्रशासन ने बच्ची के शव को अस्पताल के बाहर निकाल दिया। फिलहाल इस मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
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परिजनों के बुलाने पर डॉक्टर लगाते फटकार
दरअसल इस वक्त बुखार की चपेट में सबसे ज्यादा मासूम बच्चे ही आ रहे है। यहां थाना मदनापुर निवासी शिकारी सिंह की 4 साल बेटी शिल्पी को 13 दिन पहले तेज बुखार आया। तब परिजनों ने बच्ची को गांव मे एक डॉक्टर को दिखाया। लेकिन बच्ची को कोई फायदा नहीं हो सका। उसके बाद परिजन बच्ची को लेकर 6 दिन पहले जिला अस्पताल पहुंचे। तब डॉक्टर ने बच्ची को दवा देकर अस्पताल में भर्ती कर लिया। उसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ती गई और जब परिजन डॉक्टर को बुलाने जाते तो डॉक्टर परिजनों को फटकार कर भगा देते।
मौत के बाद शव को रखवाया बाहर
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर एके सक्सेना के पास जब भी बच्ची का दर्द बताने जाते, तो वह कहते थे कि दवा दे दी है, असर होने में वक्त लगेगा। लेकिन आज उस बच्ची की मौत हो गई। जब परिजनों ने हंगामा किया तो अस्पताल प्रशासन ने बच्ची के शव को अस्पताल के बाहर अस्पताल कैंपस मे स्ट्रेचर पर डाल दिया। परिजनों को रोता देख वहां पर भीड़ इकट्ठा हुई। मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद अस्पताल के सीएमएस ने शव वाहन से बच्ची के शव को घर तक पहुंचवाया। हालांकि जब सीएमएस से बात करने की कोशिश की तो वह मीडिया से बचते नजर आए।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
आपको बता दें इस जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा लापरवाही के मामले सामने आते है। यहां एक बच्चे की डिलीवरी के वक्त पेट में ही बच्चे का सिर धड़ से अलग कर दिया था। उसके बाद कुछ ही दिन पहले एक बच्ची की डिलीवरी के बाद डाक्टर फोन पर बात करने लगी थी। तभी बच्चा स्ट्रेचर से डस्टबिन मे गिर गया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। हालांकि सभी मामलों में जांच के आदेश दिए गए लेकिन जांच पूरी ही नहीं हुई तो कार्यवाही की बात नहीं कर सकते।