शाहजहांपुर: जब बंदूक लेकर निकलती है दबंग लेडी तो कांप जाते हैं शोहदे
शहाना बेगम इलाके में छेड़छाड़ करनेवाले लड़कों को सबक सिखाती हैं और उनको सजा देती हैं। वह पति-पत्नी के झगड़ों को भी सुलझाती हैं।
शाहजहांपुर। महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ भले ही कोई आवाज उठाने वाला न हो। लेकिन आज हम आपकों यूपी की एक ऐसी महिला से रूबरू करायेंगे जिसने अपने इलाके की लड़कियों के खातिर हथियार उठा लिए हैं। लेडी विद गन नाम से जानी जाने वाली महिला छेड़छाड़ का जवाब अपनी बन्दूक से देती है। यही वजह है कि इलाके के शोहदे बन्दूक वाली इस दबंग महिला के नाम से कांप उठते हैं। वहीं लड़कियों के लिए ये महिला किसी आदर्श से कम नही है। इस महिला ने छेड़छाड़ करने वाले लड़कों को पूरे गांव के सामने पीटने से लेकर मुंह काला कर पूरे गांव में घुमाने तक की सजा दी है। यही वजह है उसके गांव के आसपास क्षेत्रों तक में किसी लड़के की हिम्मत नही पड़ती है कि वह किसी लड़की को छेड़ सके। Read Also: विधायक ने छात्रा से पूछा, रेप के बाद ब्लड कहां से निकलता है?
मनचलों को सबक सिखाती हैं शहाना
अपनी बन्दूक की नली को साफ कर रही इस महिला का नाम शहाना बेगम है। ये पीलीभीत की रहने वाली है। शहाना के पिता अब्दुल्ला खां खेती करते थे। शहाना की उम्र करीब 42 वर्ष है। शहाना की शादी को 26 साल हो चुके हैं। सिंधौली थाना क्षेत्र के महाननदपुर गांव मे हुई थी। पति मोहम्मद शब्बीर की मौत 17 साल पहले हो चुकी है, वह ड्राइवर थे। शहाना का एक बेटा है जिसकी उम्र 23 साल है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है।
शहाना एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले मनचलों की हालत बिगड़ जाती है। शहाना ने ये हथियार सिर्फ महिलाओं और लड़कियों की हिफाजत के लिए उठाया है। आलम ये है कि उसके गांव और आस पास के इलाकों में छेड़छाड़ की घटनाएं शायद ही कभी होती होगी। अगर शहाना को शिकायत मिल जाये तो वो अपनी बन्दूक की दम पर उसे सबक सिखाने का माद्दा रखती है। कई बार ऐसे मोके आए जब मनचलों और शोहदों को शबाना ने सबक सिखाया है। उनका कहना है कि काननू तो अपना काम करेगा ही लेकिन छेड़छाड़ करने वालों को सबसे पहले वो खुद सबक सिखाती हैं।
महिलाओं की हिफाजत के लिए उठा ली बंदूक
यही वजह है कि शहाना को इलाके के लोग लेडी विद गन के नाम से पहचानते हैं। शहाना का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो महिलाओं और लड़कियों की हिफाजत के लिए उनकी बन्दूक से गोली भी निकल सकती है। इलाके की महिलाओं को किसी भी किस्म की कोई दिक्कत होती है तो वो शहाना के सामने अपनी बात रखती है। शादीशुदा महिलाओं को अगर उनके पति परेशान करते है तो वो ऐसे मामलों को भी बखूबी निपटाती है। वो अपने गांव के आस-पास के भी गांवों में पैदल निकलकर महिलाओं और लड़कियों से उनकी परेशानी पूछती है। शहाना महिलाओं के लिए किसी ग्रेट लेडी का दर्जा रखती है।
शहाना ने बताया कि उसके पति की मौत को 17 साल बीत चुके हैं। उसने ये कदम पति की मौत के एक साल बाद ही उठा लिया था क्योंकि पति की मौत से पहले वह घर के बाहर पति के साथ जाती थी लेकिन मौत के बाद उसे घर के बाहर निकलते हुए डर लगता था। आए दिन वह सुना करती थी कि किसी लड़की के स्कूल जाते वक्त किसी लड़के ने छेड़छाड़ कर दी तो कभी पति अपनी पत्नी को इतना परेशान करते हैं जिससे परेशान होकर पत्नी अपने घर वापस आ जाती थी। साथ ही बलात्कार की घटनाएं भी कुछ ज्यादा ही बढ़ चुकी है। इसी को देखते हुए उसने पति की मौत के एक साल बाद ही महिलाओं और बेटियों की मदद को बंदूक उठा ली थीं। जिसको आज 16 साल हो चुके हैं।
मायावती सरकार में मिला बंदूक का लाइसेंस
बताया कि उसे बंदूक का लाइसेंस बनवाने में बहुत दिक्कत आती थी। जब भी लाईसेंस के लिए आफिस के चक्कर लगाते थे तो बस एक चीज ही डिमांड की जाती थी वो था पैसा। उसके बाद बीएसपी की सरकार आई। शहाना ने सोचा की जब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री एक महिला है तो उसे महिलाओं और लड़कियों की मदद के लिए बंदूक का लाइसेंस उसे जरूर मिल जाएगा और ऐसा ही हुआ शहाना का लाइसेंस बन गया साथ ही शहाना ने बंदूक का लाइसेंस बनने के लिए मायावती का शुक्रिया अदा किया है।
शहाना अभी तक सैकड़ों छेड़छाड़ और पत्नी पति के बीच मारपीट और बलात्कार जैसे मामले निपटा चुकी। शहाना ने बताया उसे ऐसे तो याद नहीं है कि उसने अभी तक कितने लोगों को सबक सिखाया है, इसकी गिनती सैकड़ों में है। हां, अब से करीब तीन साल पहले थाना सेहरामऊ दक्षिणी के एक गांव में एक लड़का गांव की रहने वाली एक लड़की को रात में अपने घर से उठा ले गया था। खबर पाकर शहाना ने लड़की की तलाश शुरू की तो उसने सुबह तक लड़की को ढूंढ लिया था। उसके बाद उसने लड़के की पिटाई की और उसका मुंह काला कर पूरे गांव में घुमाया था। आखिर उसे उस लड़की से शादी करनी पड़ी।
शोहदों में है शहाना का खौफ
शहाना ने बताया कि उसके गांव में या आसपास के क्षेत्र में किसी लड़के की हिम्मत नहीं पड़ती कि वह किसी लड़की को छेड़ सके। कई साल बीत चुके हैं, उसके गांव में छेड़छाड़, पति-पत्नी के बीच मारपीट या बलात्कार जैसी घटना नहीं हुई। इन घटनाओं को लेकर पुलिस उसके गांव में नही आती है। क्योंकि ये मामला पुलिस तक पहुंचता ही नहीं है। कुछ साल पहले तक ऐसा कुछ होता था तो लड़की मेरे पास आकर शिकायत करती थी जिसकी सजा हम उसको उसी वक्त देते थे। सजा में लड़के का मुंह काला किया जाता है , पूरे गांव में घुमाया जाता है या उसकी पिटाई पूरे गांव के सामने की जाती है। ऐसी सजा वो लड़के को देती है, जिससे उसकी दोबारा हिम्मत न हो सके। हालांकि उसके गांव और आसपास के क्षेत्रों के लोगों का उसे पूरा साथ मिलता है उसे आए दिन गांव के लोग सम्मानित करते रहते हैं।
गांव की रहने वाली कमला देवी से बात की तो उनका कहना है कि उनके गांव में कभी किसी लड़की से कोई छेड़छाड़ नहीं होती है। कई साल बीत चुके हैं अभी तक गांव के किसी लड़के ने किसी लड़की से कोई छेड़छाड़ नही की अगर ऐसा किसी लड़की को लगता है तो वो सीधे शहाना के पास जाती है और उसके शिकायत करती है। उसके बाद शहाना अपनी बंदूक लेकर उस लड़के के पास जाती है, जिसकी उसके पास शिकायत पहुंचती है और वो काफी अच्छे से उसे समझाती है जिसके बाद उसकी हिम्मत नहीं होती है जो वो ऐसी गलती दोबारा कर सके। साथ ही गांव में अगर कोई पति अपनी पत्नी को परेशान करता है या मार पीट करता है जब महिला अपने पति शिकायत लेकर शहाना के पास पहुंचती है उसको भी वह बंदूक के दम पर ही सबक सिखाती है जिसके बाद किसी पति की हिम्मत नहीं होती है कि वो पत्नी को परेशान कर सके। यही वजह है कि शबाना आज गांव और आसपास के इलाकों के लोगों के लिए एक नजीर बन चुकी है।
गांंव ही नहीं, शहर में भी शहाना का नाम
गांव महानन्दपुर की रहने वाली लेडी विद गन नाम की महिला को लोग सिर्फ इस इलाके में ही लोग नहीं जानते बल्कि शहर में भी इनका खूब नाम है। स्कूल में पढ़नेवाली लड़कियों के लिए ये किसी रॉबिनहुड से कम नही है। लड़कियों का कहना है कि शहाना जैसी दबंग महिलाए अगर देश में होतीं तो मनचलों के होश ठिकाने लग जायेंगे।
शहाना की बन्दूक ही अब उनकी पहचान बन चुकी है। शहाना को न राजनीति की चाह है और न ही वाहवाही की। उनकी जिन्दगी का सिर्फ एक ही मकसद है और वो है लड़कियों और महिलाओं की हिफाजत। यही वजह है कि उनके इलाके में लड़कियां बेखौफ होकर स्कूल जा सकती हैं। वहीं मनचले भी लेडी विद गन के नाम से कांपते हैं। अगर शहाना जैसी महिलाएं समाज में आगं निकलकर सामने आ जायें तो शायद महिला अपराधों को कम किया जा सकता है। Read Also: बनारस की इन तीन मुस्लिम बहनों को आमिर खान ने भी किया सलाम