सांसद संजय सिंह का आरोप- राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में 16 करोड़ का घोटाला, ट्रस्ट के पदाधिकारी हैं शामिल
लखनऊ, 14 जून: पिछले साल 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव रखी थी। जिसके बाद से तेजी से मंदिर का निर्माण जारी है। इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सिंह के मुताबिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने एक जमीन को 2 करोड़ रुपये में खरीदा था, लेकिन बाद में इसकी कीमत 18 करोड़ रुपये दिखाई गई। ऐसे में इस मामले में 16 करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ है। हालांकि ट्रस्ट के पदाधिकारी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं।
Recommended Video
राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संजय सिंह ने कहा कि अयोध्या में जमीन की गाटा संख्या 243, 244, 246, जिसकी कीमत 5 करोड़ 80 लाख रुपये है। उसे 2 करोड़ रुपये में पहले खरीदा गया। इसके 5 मिनट बाद 7.10 बजे वो 18 करोड़ रुपये में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने खरीद ली। इसके लिए 17 करोड़ रुपये का RTGS भी किया गया। सांसद का आरोप है कि इस जमीन घोटाले में सुल्तान अंसारी, चंपत राय और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय भी शामिल हैं।
संजय सिंह के मुताबिक इस भ्रष्टाचार में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा का नाम आ रहा, क्योंकि वो खरीदारी में गवाह बने थे, जबकि मेयर बैनामा और ट्रस्ट की खरीदारी में गवाह थे। ऐसे में ये पूरा मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का है, जिस वजह से सीबीआई और ईडी से इसकी जांच करवाई जाए। वहीं मामला सामने आने के बाद से विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उनके मुताबिक मामले के दस्तावेजों की जांच कर आगे बयान जारी किया जाएगा।
Jammu Venkateswara Temple: जम्मू वेंकटेश्वर मंदिर का हुआ भूमि पूजन, जानें कैसा होगा ये भव्य मंदिर
ट्रस्ट
ने
दी
सफाई
चंपत
राय
ने
कहा
कि
जिस
भूखंड
पर
चर्चा
की
जा
रही
है,
वो
रेलवे
स्टेशन
के
पास
बहुत
प्रमुख
जगह
है।
श्री
राम
जन्मभूमि
तीर्थ
क्षेत्र
ने
अभी
तक
जितनी
भूमि
खरीदी
है
खुले
बाजार
की
कीमत
से
बहुत
कम
दामों
पर
खरीदी
है।
उन्होंने
कहा
कि
जिस
जमीन
की
खरीद
को
लेकर
आरोप
लगाए
हैं,
उस
जमीन
को
खरीदने
के
लिए
वर्तमान
विक्रेताओं
ने
सालों
पहले
जिन
दामों
पर
रजिस्टर्ड
एग्रीमेंट
किया
था,
उस
जमीन
को
उन्होंने
18
मार्च
2021
को
बैनामा
कराया।
इसके
बाद
ही
ट्रस्ट
के
साथ
एग्रीमेंट
किया।