राजा भैया पर पंजाब विधानसभा में शोर, Facebook पोस्ट से खुली बात
पंजाब में राजा भैया की खातिरदारी की फोटो कांग्रेसी विधायक कुशलदीप ढिल्लों ने अपने फेसबुक पेज पर अपडेट की तो पंजाब की सियासत में तरह-तरह की कयासबाजी होने लगी।
इलाहाबाद। यूपी के बाहुबली विधायक राजा भैया एक बार फिर चर्चा में हैं और इस बार तो उनकी चर्चा से पंजाब विधानसभा सत्र का एक दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया है। पंजाब विधानसभा में अकाली दल और कांग्रेस के बीच राजा भैया को लेकर जमकर नोकझोंक हुई। मामला इतना बढ़ गया कि अकाली दल ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। आप भी सोच रहे होंगे कि यूपी के राजा भैया का पंजाब से क्या वास्ता, तो जनाब हम आपको पूरा वाक्या और राजा भैया का पंजाब कनेक्शन बताते हैं। दरअसल यूपी के प्रतापगढ़ जिले के भदरी राजघराने के युवराज रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया कुंडा से निर्दलीय विधायक हैं और पिछले 11 नवंबर को ये पंजाब गए थे। पंजाब में राजा भैया की खातिरदारी की फोटो कांग्रेसी विधायक कुशलदीप ढिल्लों ने अपने फेसबुक पेज पर अपडेट की तो पंजाब की सियासत में तरह-तरह की कयासबाजी होने लगी। मामले ने तूल इसलिए भी पकड़ा क्योंकि खबरे ये भी उड़ी की फरीदकोट जेल में बंद गैंगस्टर लक्खा सिधाना से मुलाकात की थी।
हंगामे की वजह
फिलहाल अब जब पंजाब विधानसभा सत्र शुरू हुआ तो बुधवार को राजा भैया के पंजाब आने और कांग्रेस विधायक से मिलने का मुद्दा उठा और विधानसभा सत्र का पूरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। पंजाब विधानसभा सत्र में बुधवार को अकाली विधायकों ने कांग्रेस को घेरने के लिए सवाल उठाए कि राजा भैया जैसा बाहुबली नेता कांग्रेसी विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों के घर क्यों आया था। इससे कांग्रेस बैकफुट पर आ गई और चुप्पी साध गई लेकिन अकाली दल लगातार जवाब देने के दबाव बनाने लगा।
क्यों गए थे पंजाब?
इस सवाल के जवाब पर अकाली दल जब अड़ गया और विधायक हंगामा करने लगे तो कांग्रेस विधायक कुशलदीप ढिल्लों ने सदन के अंदर ही राजा भैया के पंजाब आने की वजह घोड़े के व्यापार को बताया और कहा कि राजा भैया उनसे मिलने नहीं आए थे, बल्कि वो अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल से मिलने आए थे। ढिल्लों ने पूरी कहानी बताई कि राजा भैया घोड़ों का व्यापार करने वाले हैं और इस सिलसिले में वो सुखबीर बादल के स्टड फॉर्म के दौरे पर आए थे।
की गई थी रात्रि विश्राम की व्यवस्था
बिक्रम सिंह मजीठिया ने उन्हें बुलाया और घर पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी की। फिर क्या था पहले बैकफुट पर रही कांग्रेस, अकाली दल पर हावी होने लगी। जिससे हंगामा बढ़ गया और ढिल्लों के आरोप के बाद अकाली दल के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
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