स्वामी चिन्मयानन्द की बढ़ी मुश्किलें, रेप पीड़िता ने कोर्ट में दाखिल की आपत्ति
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश सरकार में नेताओं के ऊपर लगे राजनीतिक मुकदमों को वापस लिया जा रहा है। ऐसे में रेप केस में फंसे पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती के ऊपर दर्ज मुकदमों को भी वापस लेने के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है। शासन के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने सीनियर प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर के जरिए पत्राचार शुरू कर दिया है। वहीं इस मामले में पीड़िता ने कोर्ट में अपनी आपत्ति दाखिल कर दी है।
दरअसल, 7 साल पहले पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती के ऊपर उनकी ही एक शिष्या ने बलात्कार समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया था। लेकिन स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती की गिरफ्तारी नहीं की थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। बता दें कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी है। राजनीति में उनका बड़ा कद रहा है यही वजह थी कि पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी नहीं की थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी होने का फायदा उनको मिल जाएगा। क्योंकि राज्य सरकार उनके उपर लगे बलात्कार के केस को वापस लेने का निर्णय कर लिया है।
पीड़िता ने कोर्ट में दर्ज की आपत्ति
केस वापस लेने के लिए शासन से जिला प्रशासन को आदेशित किया गया है। जिसके बाद जिला प्रशासन ने सीनियर प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर से इस सम्बन्ध में पत्राचार शुरू कर दिया है। सीनियर प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर आरएल यादव का कहना है कि उन्होंने शासन द्वारा सभी पत्रावली न्यायलय में पेश कर दी है और केस वापस करने या ना करने का अन्तिम फैसले पर कोर्ट ही अन्तिम मोहर लगायेगी। भले की सरकार स्वामी चिन्मयानन्द पर लगे रेप के केस का वापस लेने की तैयारी कर रही हो। लेकिन रेप पीड़िता ने कोर्ट में अपनी आपत्ति दाखिल कर दी है। उसका कहना है कि सरकार को कोर्ट के निर्णय का इन्तजार करना चाहिए था। वहीं, पीड़िता ने कहा कि भाजपा सरकार का नारा था बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में। मगर अब इसका उल्टा हो रहा है।
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